संवाद/ शरद मिश्रा
बांदा। मध्यप्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश”केन नदी का जमकर बकब” कर रही है। जलस्तर खतरे के निशान से दोपहर तक दो मीटर ऊपर पहुंच चुका है, जिससे बांदा के लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट चुका है, और ग्रामीण अपनी दिनचर्या के कार्य नाव के सहारे पूरा कर रहे हैं। जिला प्रशासन बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
मध्यप्रदेश के जबलपुर, सतना, पन्ना और कटनी जिलों में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश से गंगऊ और बरियारपुर बियर में जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बरियारपुर बियर की क्रस्ट वाल से 23 फीट ऊंची जलधारा केन नदी में गिर रही है, जिससे लगभग 2लाख 68 हजार 107एलक्यूसेक एवं गंगऊ से 2 लाख 33 हजार 239 क्यूसेक पानी केन नदी में गिर रहा है। परिणामस्वरूप यहां केन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दोपहर तक नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही थी। बाढ़ पूर्वानुमान विभाग के अनुसार जल स्तर और बढ़ने की संभावना है।
नरैनी तहसील के बिलहरका समेत कई तटीय गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, वहीं पैलानी और जसपुरा थाना क्षेत्रों के सिंधन कला, पडोहरा और नादादेव जैसे गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी भर चुका है। ग्रामीणों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। किसानों की जमीनों पर पानी भर जाने से धान और अन्य फसलें बर्बाद हो गई हैं।
बांदा जिला अधिकारी नागेंद्र प्रताप ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया। जिला प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए है, और बाढ़ राहत चौकियां किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार हैं। हालांकि बाढ़ बढ़ने का खतरा अभी बरकरार है।