संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। मंडल मुख्यालय में सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर सैनिक स्कूल खोले जाने के लिये विलंब पर सरकार नें फटकार लगाई है। यहां राजकीय माध्यमिक स्कूलों, अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों और निजी व एनजीओ में से किसी एक माध्यम में चलाया जाना है। माध्यमिक स्कूल सैनिक स्कूल के रूप में परिवर्तित हो जायेगा। या फिर नया भी खोला जा सकता है। इसके लिये यहां जिला विद्यालय निरीक्षक के पास सरकार का “सख्ती भरा स्मरण पत्र”भी आया है। विलंब पर नाराजगी जताई गई है। निर्देश दिए गए हैं कि वह इच्छुक विद्यालयों के प्रबंधकों के साथ बैठक कर जल्द रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजें।
योजना के मुताबिक माध्यमिक विद्यालयों को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने यानी यहां पर विद्यालय में एक अलग भवन बनाकर और पहले से चल रहे स्कूल का संसाधन प्रयोग कर इसे चलाया जाएगा। यही नहीं नया सैनिक स्कूल अगर कोई शैक्षिक संस्था खोलना चाहती है तो वह छूट उसे मिलेगी।
निजी संस्थाओं को इसके लिए अधिक से अधिक प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं।डीआइओएस विजय पाल सिंह नें इस संदर्भ में बताया की वह शीघ्र बैठक कर सैनिक स्कूल खोलने के लिए प्रस्ताव प्रबंधकों से लेंगे। फिर रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। आपको बता दें की सैनिक स्कूल के छात्रों को सेना में भर्ती के लिये विशेष वरीयता दी जाती है।