उत्तर प्रदेशजीवन शैली

बांदा में पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार हावी, उठी जांच की मांग


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है। जिला के नौकरशाहों के रूचि न रखने की वजह से ग्राम प्रधान, सचिव, पंचायत मित्र की मिलीभगत से बनाई जा रही सूची में अधिकांश अपात्रों के नाम शामिल हैं। सीधे-साधे अशिक्षित ग्रामीणों से रिश्वत लेकर सूची बनाई जा रही है। इसकी जांच होनी चाहिए, जिससे सच सामने आ सके। यह मांग जदयू की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी पटेल ने की। डीएम कार्यालय में प्रधानमंत्री को संबोधित सौंपे पत्र में बताया कि सूची बनाने मे इन्ही लोगों को सर्वअधिकार प्राप्त है।

जिले का प्रशासन कोई दखल नहीं देता। इस कार्यवाही का सबसे दुखद पहलू यह है कि उक्त काम सम्पादित होते ही शासन की ओर से साइड बन्द कर दी जाती है परिणामस्वरूप किसी भी शिकायत या सबूतों का औचित्य ही खत्म हो जाता है। सुनने लिखने व पढने मे बात छोटी लगती है, लेकिन बात बड़ी इसलिए है कि आपके पदनाम से जुड़ी हुई है और देश के निहायत गरीब लोगों के लिए योजना है। अपात्रों का पात्र और पात्रों को अपात्र करना ऐसा लगता है कि यह अक्षम्य अपराध होना चाहिये। मांग किया है की प्रकरण पर खुली मीटिंग बुलाकर समाजसेवी, जनपक्षघर लोगों के हस्तक्षेप की व्यवस्था के साथ जिले स्तर के अधिकारी की मानीटरिंग कराकर सूची को अन्तिम रूप दिया जाये।