संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि “अंकित बासू द्वारा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की सख्ती” से ठेकेदारों में “खलबली मच गई” है। इनके द्वारा “अनर्गल आरोप”अपने “पेटी कांटेक्टरों से साजिशन बदनाम करने के लिये लगवाये”जा रहें हैं। दरअसल पालिका में अध्यक्ष प्रतिनिधि “अंकित की बारीक निगाहें निर्माण सहित अन्य कार्यों” पर हैं। “मानक एवं गाईड लाईन” के अनुसार कार्य के लिये “तल्खी और सख्ती” है। इसके चलते कुछ कथित “ठेकेदार वफादार न होकर नमक हराम” की भूमिका में है। शासन स्तर तक “अप्रमाणित एवं अनर्गल आरोप” लगाकर अपनी “खीज जाहिर करने के साथ ही दबाव” बनाने की कोशिश कर रहें हैं,पर “अंकित बासू ईमानदारी के लिये दृढ़ संकल्पित अंगद के पैर की तरह आरोपियों के लिये चैलेंज बनें हुये हैं!”
दरअसल पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि होने के नाते पालिका के संचालन में उनको कानूनी एवं संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। इसको चैलेंज नहीं किया सकता !अब मामला यह भी बताते हैं की पालिका के कुछ लिपिक वर्ग अंकित बासू के खिलाफ कुछ ठेकेदारों के सहयोगियों के माध्यम से अपने निहित स्वार्थों के लिये पर्दे के पीछे से मोर्चा खोले हुये हैं,इनमें निर्माण, हाऊस टैक्स,बिजली पटल के कुछ निक्कमे और नकारा शामिल हैं! यह काफी “घाघ एवं पिछले चेयर मैन के गुड बुक” में शामिल थे। लेकिन वर्तमान में “अंकित बासू की स्वच्छ कार्यप्रणाली” में उनके निहित “स्वार्थ सिद्ध नहीं” हो पा रहें हैं!