उत्तर प्रदेशजीवन शैली

तेईस वीं शरीफ के मुबारक मौके पर मुल्क के अमन चैन की दुआ के साथ हजरत सय्यद मुहम्मद रज़ा शाह रहमतुल्लाह अलैह की हुए फातिहा

 

बुजुर्गो की फातिहा ख्वानी से दिल को सुकून और रूह को रूहानियत का अहसास होता हैं । सज्जादानशीन पीरजादा विजय कुमार जैन

आगरा। दरगाह मरकज मुर्शिद ईदगाह कटघर स्थित दरगाह आल ए पंजतनी पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारुफ रमजान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह पर तेईसवीं शरीफ के पुरनूर मौके पर हजरत सय्यद मुहम्मद रज़ा शाह संदीलवी रहमतुल्लाह अलैह की फातिहा ख्वानी इत्रपाशी और गुलपोशी के साथ की गई । फातिहा ख्वानी मे दुआ करने के लिए दरगाह आले पंजतनी पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारूफ रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैह के मजार ए मुकद्दस पर सभी धर्मो के लोगों ने अकीदत और मुहब्बत के साथ मुबारक मौके पर शिरकत की । फातिहा ख्वानी में मुल्क के अमन चैन , हाजरीन मुरीदीन की फलाहियत की दुआ दरगाह के सज्जादानशीन पीरजादा अलमारूफ जैनुल आबेदीन (विजय कुमार जैन ) ने की ।
सज्जादानशीन विजय कुमार जैन ने दुआ के मौके पर कहा कि बुजुर्गो की फातिहा ख्वानी से दिल को सुकून और रूह को रूहानियत का अहसास होता है । इस मौके पर रूहानी फरिश्ते हाजिर होकर हाजरीन की दुआओं को बारगाह ए रब तक पहुंचाकर मांगने वाले के दामन को फैज़ से सराबोर करते हैं । बुजुर्गों की बारगाह से हमेशा खुलूस और मुहब्बत का पैगाम दुनिया वालों को दिया जाता है । फातिहा ख्वानी में शिरकत करने से दिल को सुकुनियत हासिल होती हैं और अकीदतमंद अपनी मुरादों से अपने दामन को भरते हैं और फैज़ से सराबोर हो जाते हैं । बुजुर्गों की बारगाह से एकता और मुहब्बत का सबक मिलता है जिससे इंसान में एक दूसरे का सहयोग करने का जज्बा पैदा होता है । फातिहा ख्वानी में मुल्क के अमन चैन की दुआ के साथ आलमे इंसान को सुकून अता करने की खास दुआ की गई। फातिहा ख्वानी और दुआ के बाद तबर्रुक तकसीम किया गया ।
फातिहा ख्वानी में खलीफा रमज़ान खान साबरी, इरफान साबरी, सय्यो भाई , मास्टर सईद साबरी, बबलू भाई, हनीफ भाई, खलीफा जमील अहमद साबरी, मनोज साबरी, राकेश साबरी , सत्तार साबरी, सतीश कुमार, उमेश चंदेल साबरी, रूपसिंह साबरी, गायत्री साबरी, शिवानी साबरी खुशबू साबरी, साहिबा साबरी, साजदा साबरी, शकीला , नजमा बेगम, साबिया साबरी,रेनू बंसल, आदि ने शिरकत की ।