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भाजपा के नेताओं ने जम्मू और कश्मीर को अपने राजनीतिक शतरंज का मोहरा बना दिया है – प्रियंका गाँधी

जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की चुनाव में कामयाबी के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बिश्नाह में सार्वजनिक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि माता रानी की जय– (जनसभा ने कहा– जय) बहुत दिल के पास हैं, दिल में रखती हूं। यहां आकर इतनी खुशी हो रही है मैं कैसे बताऊं। आपसे माफी मांगना चाहती हूं कि आपने इतना इंतजार किया। मुझे दिल्ली में बताया गया कि बहुत बारिश है, बादल हैं, हेलीकॉप्टर नहीं आ पाएगा, यहां की फोटो भेजी, यहां तक पानी था। फिर एक-दो घंटे बाद कहा – कि शायद मौसम साफ हो रहा है।

तो मैंने कहा – आने का प्रयास करते हैं, मुझे बिलावर भी जाना था, अभी मैं वहीं से आ रही हूं, वहां हेलीकॉप्टर लैंड नहीं हो पाया। वहां पर भी आपकी तरह पांच-छह घंटों से मेरा इंतजार कर रहे हैं लोग। मैं उनसे भी माफी मांगना चाहती हूं और कहना चाहती हूं – चुनाव के बाद मैं प्रयास करूंगी कि मैं एक बार बिलावर जरूर आऊं, क्योंकि आप सबने इतना इंतजार किया। इसी तरह से आप यहां सुबह से बैठे हैं… नीरज जी बता रहे थे कि पानी भी नहीं पिला पाए, क्योंकि सिक्योरिटी की कोई पाबंदी थी। तो मैं आपकी बहुत ही शुक्रगुजार हूं, खासतौर से मेरी बहनें, आपको आपके घर पर भी काम होगा, फिर भी आप यहां बैठी हैं, इंतजार कर रही हैं, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

देखिए, एक जुड़ाव होता है राजनीतिक, एक पारिवारिक जुड़ाव होता है, एक ऐसा जुड़ाव होता है जो अपनी जमीन से होता है, जहां अपने परिवार के पुश्तों की पैदाइश है, वो एक अलग बात होती है, वो एक लगाव होता है जो शायद लफ्जों में बताया भी नहीं जा सकता। जम्मू-कश्मीर से मेरे परिवार के सदस्यों का यही जुड़ाव है, यही लगाव है। मैं यहां आती हूं तो आपकी शक्लें भी मेरे से मिलती-जुलती हैं। काफी बार मैं देखती हूं, गाड़ी से देखती हूं या किसी से मिलती हूं कहतीं हूं – यह तो ऐसे लगता है कि मेरी बहन है, तो एक अलग जुड़ाव है।

आपको शायद मालूम नहीं होगा कि मेरी दादी इंदिरा जी की हत्या से चार-पांच दिन पहले हम लोग घर पर बैठे थे, मैं 12 साल की थी, राहुल जी 14 साल के थे, अचानक दादी ने कहा – बड़ा दिल कर रहा है कश्मीर जाने का। जो चिनार के पेड़ हैं, पतझड़ के समय जो गिरते हैं, मैं उन्हें देखना चाहती हूं। तो हम दोनों बच्चे थे, बहुत खुश हुए कि चलो दादी के साथ कश्मीर चलेंगे। तो दादी हमें कश्मीर लाईं, पहली बार मुझे खीर भवानी के मंदिर में ले गईं। उसके बाद एक बड़े आध्यात्मिक गुरु थे उनके पंडित लक्ष्मण जू जी, उनका आश्रम होता था श्रीनगर में, वो वहां गईं। फिर हम दिल्ली आए, तीन-चार दिन बाद ही उनकी हत्या हो गई, वह शहीद हो गईं।

तो अक्सर मुझे लगता है कि कैसा बुलावा था यह कि एकदम अपनी हत्या से चार-पांच दिन पहले अचानक बोलीं कि मुझे कश्मीर जाना है। यह अपनी धरती का बुलावा था। यह माता का बुलावा था कि वह खीर भवानी गईं, पहली बार अपने दोनों पोते-पोती को वहां ले गईं और उसके बाद से जब भी मैं श्रीनगर जाती हूं, मैं जरूर खीर भवानी माता के यहां जाती हूं और अपनी दादी को याद करती हूं। दरअसल यह देश का शिखर है।

प्रकृति ने आपको सब कुछ दिया, सुंदरता, संसाधन, बड़े-बड़े आध्यात्मिक गुरु, जो यहां से चले और सिर्फ अपने देश भर में नहीं, लेकिन दूसरे देशों तक गए और धर्म की बात की, अमन-चैन की बात की।  आपके पास सब कुछ था – एक धार्मिक परंपरा, जैसे मैंने कहा प्राकृतिक सुंदरता, संसाधन और शायद यह दुनिया का तरीका है, दुनिया का स्वभाव है कि जब किसी के पास सब कुछ होता है, तो जिसकी नीयत ठीक नहीं होती है, वह उसे छीनने की कोशिश करता है, उसका इस्तेमाल करता है।

एक तरह से भाजपा के नेताओं ने जम्मू और कश्मीर को अपने राजनीतिक शतरंज का मोहरा बना दिया है। यहां के लिए नीतियां नहीं बनती, आपके लिए नीतियां नहीं बनती, आपके प्रति जो नीतियां बनती हैं, वह देश में जज्बातों को उभारने के लिए, राजनीति करने के लिए बनाई जाती हैं। मैं मोदी जी का भाषण देख रही थी, यहां आ रही थी तो मैंने सोचा देखूं मोदी जी क्या कह रहे हैं। शायद कटरा का भाषण था, भाषण को सुनते-सुनते मुझे ऐसा लगा कि जनता अपने नेताओं से क्या चाहती है – थोड़ी ईमानदारी, कम से कम थोड़ी तो होनी चाहिए, थोड़ी सी सच्चाई, एक कर्मठता, एक गंभीरता कि जनता की क्या समस्याएं हैं, यह नेता समझ रहे हैं कि नहीं समझ रहे हैं और मुझे उस मोदी जी के भाषण में लगा कि वह गंभीरता ही नहीं दिखी। वह कहने लगे कि 10 सालों से यहां का जो रेलवे स्टेशन है, इस रेलवे स्टेशन में सुधार हम लाए हैं, इसमें परिवर्तन लाए हैं।

मैं सोच रही थी – 10 सालों से आप प्रधानमंत्री रहे हैं, आप कटरा आकर कह रहे हैं कि मैंने आपके रेलवे स्टेशन में सुधार कर दिया। विकास की एक धारा होती है, जैसे जीवन की होती है। एक समय में मेरी बहनें यहां बुजुर्ग बैठी हैं, वह रोटरी वाले टेलीफोन होते थे, आपको याद है यूं घुमाकर फोन करना पड़ता था। जम्मू से दिल्ली फोन करना पड़ता था, तो बुकिंग करनी पड़ती थी, दो-तीन हफ्तो बाद ट्रंक कॉल लगता था, आज सबके पास स्मार्टफोन हैं। परिवर्तन होता है, विकास होता है। रेलवे स्टेशन में सुधार होते हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है कि प्रधानमंत्री जी आकर इन छोटी-छोटी बातों पर आपको कह रहे हैं कि देखो, मैंने आपके लिए क्या किया। ठोस बात क्यों नहीं कर रहे हैं। मेरे मन में यह बात आई कि जो ठोस बात है, जो जम्मू और कश्मीर की जनता के हृदय की बात है, जो उनकी समस्याएं हैं, उनकी बात क्यों नहीं हो रही है। सच्चाई पर क्यों नहीं उतर रहे हैं हमारे प्रधानमंत्री, कि जब उन्होंने आपसे राज्य का दर्जा छीना, तो क्या-क्या छिन गया आपसे।

वह रेलवे स्टेशन की बात करने से नहीं मिलेगा आपको वापस, वह यह कहने से कि मैंने जम्मू में आईफि‍ल टावर जैसा एक ब्रिज बनाया है। वह आपको वापस नहीं मिलेगा, वह आपका हक था और उस हक के जरिए आपको बहुत कुछ मिलता था। अपनी जमीन पर हक, रोजगार पर हक, छोटे कारोबारों को मजबूत बनाने का हक, जो सारा आज आपसे छिन गया है। एक एलजी है, जो पूरा अपने हिसाब से, अपनी मनमानी से राज कर रहे हैं। एक लूट का राज स्थापित किया है, रिमोट वाला राज स्थापित किया है। आपको अपने हक नहीं मिल रहे हैं इस राज्य में, आपकी जमीनें लैंड बैंक बन रही हैं। किसके लिए – आपके लिए, बड़े-बड़े उद्योगपतियों के लिए। जो मोदी जी पूरे देश भर में स्थापित कर चुके हैं कि कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों को सब कुछ मिलेगा, वही आज जम्मू और कश्मीर में हो रहा है।

यहां रिलायस के रिटेल स्टोर खुल रहे हैं, लेकिन यह जो छोटी-छोटी दुकाने हैं, जो आपकी दुकाने हैं, आपके छोटे बिजनेस हैं, उनको मारा जा रहा है। पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और आज बड़े-बड़े रिटेल वाले जो उद्योगपति हैं आपके बिजनेस को छीन रहे हैं और आप कुछ कर नहीं पा रहे हैं, क्योंकि आपकी अपनी सरकार नहीं है। नौकरियों का हक आपको मिलना चाहिए। यहां तमाम नौजवान खड़े हैं। मेरी बहनें मेहनत करके, परिश्रम करके बड़ा करती हैं। मैं 52 साल की हूं, मेरा बेटा 24 साल का है, मेरी बेटी 22 साल की है, क्या चाहते हैं हम अपने बच्चों के लिए – एक उज्जवल भविष्य चाहते हैं, कुछ बड़ी शान-शोहरत, पैसा, सत्ता नहीं। हम चाहते हैं कि खुश रहें, ईमानदारी से अपना काम करें और अपनी कमाई कर लें, अपने पैरों पर खड़े हो जाएं। यह आप भी चाहते हैं, इस मंच पर बैठे सारे नेता भी यही चाहते हैं।

तो यह हक आपसे छीना क्यों जा रहा है? आज रोजगार के मामले में जम्मू और कश्मीर इतना पीछे क्यों रह गया है? इतनी बेरोजगारी क्यों है? आप परवरिश करते हैं अपने बच्चों की, मेहनत करते हैं उनको पढ़ाते हैं, लिखाते हैं। बच्चा भर्ती का पेपर देता है, पेपर लीक हो जाता है। पेपर दे भी देता है, मार्क्स भी आ जाते हैं, भर्ती नही होती। घोटाले पर घोटाले होते हैं। ऐसे बच्चे हैं जो 27- 28 साल के हो जाते हैं, 30 साल की उम्र के हो जाते हैं नौकरी की इंतजार में। उनको खुद नहीं पता होता कि जब हमने भर्ती का इंतिहान दे दिया है, हम पास भी हो गए हैं, तो क्या हम इंतजार करें। हो सकता है छह महीने में नौकरी मिल जाएगी, हो सकता है दो-तीन महीनों में नौकरी मिल जाएगी। तो बेचारे इंतजार करते रहते हैं, सोचते हैं कहीं और लग जाएंगे तो यह भर्ती निकल जाएगी, तो हम रह जाएंगे और इस तरह करके साल पर साल गवा देते हैं, अपनी जवानी गवा देते हैं। बच्चों की शादी नहीं होती, जब रिश्ता लेकर जाते हैं, कहते हैं – कि भाई नौकरी नहीं है, रिश्ते नहीं पक्के होते।

तो इस तरह से कैसे आगे बढ़ेंगे हम? आपके एलजी बाहरी हैं, सब तमाम जितनी भी पॉलिसियां, जितनी भी नीतियां बन रही हैं, बाहर वालों के लिए बन रही हैं। 450 मिनरल के जो ब्लॉक हैं, उनमें से 200 के ठेके बाहर के लोगों को दिए हैं। आपकी रेत है, आपकी बजरी है, बाहर भेजी जा रही है। आपको खरीदनी पड़ती है अपने घर बनाने के लिए, तो उसका दाम महंगा होता है। होता है कि नहीं? आपको घर में छोटी से छोटी मरम्मत करनी पड़ती है, आप घबराते हो कि कैसे करेंगे। कोई बीमार पड़ता है घबराते हो कि इलाज कैसे करवाएंगे और यहां बाहर की सारी कंपनियां आकर सबकुछ लूट रही है। 10 मिनरल के ब्लॉक्स हैं, 26 रेत के खनन, सारे ठेके बाहर के इनके मित्रों को दिए गए हैं। बाहर की कंपनियों को ला-लाकर आपके जितने भी छोटे कारोबार हैं, उनको खत्म किया जा रहा है। यह तो मैं मंच पर खड़े होकर कह रही हूं, एहसास तो आपको है।

अब त्यौहार का महीना आने वाला है। एक तरफ घबराहट कि त्यौहार के लिए हमें अपने घर को सजाना है, मेहमान आएंगे, खाना खिलाना है, सबकुछ करना है, कैसे करेंगे? महंगाई इतनी है और दूसरी तरफ ऐसा एहसास होता है कि पता नहीं इस साल बिक्री होगी कि नहीं, धनतेरस आएगा, दिवाली आएगी, लोग खरीदेंगे कि नहीं, क्या हमारे कारोबार चल पाएंगे कि नहीं? यह आपकी असली समस्याएं हैं, इन समस्याओं से जूझ रहे हो आप। वहां केंद्र में मोदी जी, अडानी जी और अंबानी जी को बढ़ा रहे हैं, यहां आपके एलजी अपने मित्रों को आगे बढ़ा रहे हैं। माता वैष्णो जनरल स्टोर या रघुनाथ मार्केट के जो कारोबार हैं, उनको बढ़ावा कौन दे रहा है? यह रिलायंस रीटेल हर जगह जो खुल रही है, वो तो खूब तेजी से बढ़ रही है। आपके लिए ठोस काम क्या हो रहा है? जल जीवन मिशन का स्कैम होता है, एक दलित अधिकारी उस स्कैम को उभारता है, क्या होता है उसका – प्रताड़ित किया जाता है।

मैंने ईमानदारी की बात की, सच्चाई की बात की, नेता से उम्मीद की बात की। यह उम्मीद होती है ना कि अगर कोई अधिकारी ईमानदारी से बता दे कि भाई यह स्कैम हो रहा है, करोड़ों लूटे जा रहे हैं। तो आप उसका संरक्षण करें, उस स्‍कैम की जांच करें, उल्टा उसे प्रताड़ित किया जाता है। क्या यही हमारी परंपरा बन गई है, क्या आज यही उम्मीद होनी चाहिए हमें अपने नेताओं से। आप सोचिए आज भयंकर बेरोजगारी है, यहां जम्मू में 65 प्रतिशत सरकारी पद खाली हैं। आप यहां बेरोजगार खड़े हो नौजवान, हाथ उठाकर अगर मैं पूछूं कि किस-किस को सरकारी नौकरी मिली है, आप सब बोलेंगे नहीं मिली है। अभी जो चुनाव खत्म हुआ, उसमें जब हम पूरे देश भर में घूमे, जहां-जहां गए, हमने पूछा भाई हाथ उठाओ, किस-किस को रोजगार मिला है। एक हाथ नहीं उठता था, 10,000, 20,000, 50,000 की भीड़ में एक हाथ नहीं उठ रहा था। उल्टा क्या दिया जाता है आपको, नौजवानों को – अग्निवीर जैसी स्कीम।

यह हमारे जवान खड़े हैं, देश के लिए जीवन देने के लिए तैयार हैं। जब ये आते हैं हमारी सुरक्षा करने के लिए, जब सरहद पर खड़े होने जाते हैं, तो मन में ये रखते हैं कि हम एक दिन शहीद हो सकते हैं इस धरती के लिए और आप अग्निवीर लाते हैं कि बच्चा जाएगा, सरहद पर खड़ा होगा, सुरक्षा करेगा हमारे देश की, लेकिन शहीद हो जाएगा, तो उसको कुछ नहीं मिलेगा। उसके मां-बाप को पेंशन तक नहीं मिलेगी और इसके लिए हम सारे विपक्षी दल लड़ रहे हैं, बार-बार इन मुद्दों को उठाते हैं। लेकिन इतना अहंकार है इस सरकार में, हमारे प्रधानमंत्री जी में कि वो जानते हुए कि ये गलत स्कीम है, जानते हुए कि ये नौजवानों के लिए ठीक नहीं है, पीछे नहीं हटते। वो कहते हैं नहीं, ठीक है, गलती हो गई, गलत स्कीम ले आए हम, इसको सुधार देते हैं।

जहाँ आपको आर्मी में, फोर्सेस में रोजगार का मौका मिलता था, वो टूट गया है, आज नहीं मिलता है। खेती में रोजगार बनते थे, आज नहीं बनते हैं। सबसे ज्यादा रोजगार हमारे देश में हमारी देश की जो रीढ़ की हड्डी है, वो छोटे कारोबार हैं। ये सारी दुकानें जो मुझे यहाँ से दिख रही हैं। आप रोजगार दिलवाते थे, छोटे-छोटे बिजनेस, जो अपना कुछ बना दिया, कानपुर में लेदर का बिजनेस था, आगरा में कोई और बिजनेस, मुरादाबाद में पीतल का बिजनेस, यहाँ जम्मू में और बिजनेस। सारे तमाम ऐसे बिजनेस बंद हो रहे हैं। तो रोजगार वहाँ से भी नहीं मिलेगा। तो कौन सी स्कीम है इनके पास रोजगार दिलवाने की? सिर्फ स्कैम, पेपर लीक, अग्निवीर जैसी फिजूल की स्कीमें और ऊपर से क्या होता है, आप माताएं हैं, नौजवान बच्चे हैं, मैंने कहा मेरे भी नौजवान बच्चे हैं। जब बच्चे में ये ना उम्मीदी हो जाती है कि मेरे भविष्य में कुछ नहीं है, मैं कमा नहीं पा रहा हूं, घर पर बैठा रहता है, तब ड्रग्स फैलते हैं।

चिट्टा कितना फैल गया है जम्मू-कश्मीर में। कोई बात भी करता है इसके बारे में? ये सारे भाजपा के नेता जो आते हैं, वोट मांगने के लिए आते हैं, आपकी सच्चाई की बात करते हैं? क्यों नहीं करते हैं, क्योंकि वो जानते हैं कि इसकी जड़ क्या है। जड़ बेरोजगारी है, बेकारी है। अगर बच्चे को आप नौकरी देंगे, सुबह से शाम तक काम करेगा, थका हुआ घर आएगा, तो कहाँ इधर-उधर देखेगा। लेकिन बेचारा बेरोजगार बेकार पड़ा रहता है। जो ड्रग्स के माफिया हैं, उसके लिए शिकार बन जाता है। तो पूरे समाज में, पूरे देश में, पूरे समाज में खास तौर से यहाँ जम्मू में, कश्मीर में ये सब फैल रहा है और इसके बारे में आपके नेता बात भी नहीं करते हैं।

आप टोल टैक्स दीजिए, आप स्मार्ट मीटर लगवाइए अपने घरों में। बताइए दस गुना आपके बिल आते हैं, कोई पूछता है? आप जहाँ भी जाएंगे, आपको टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स लगा दिया है, जो पहले नहीं था। टोल टैक्स बढ़ा दिया है। जगह-जगह टोल लगा दिए हैं। स्मार्ट मीटर आप तो जानते ही हैं। आपकी आवाज से पता चल रहा है मुझे कि कितना असर पड़ रहा है आपके जीवन पर। तो आपकी जमीनें छीनेंगे, आपसे टैक्स लेंगे, चाहे प्रॉपर्टी का हो, टोल का हो, कुछ भी हो। ऊपर से जो काम कराने पड़ते हैं, आपको रिश्वत देनी पड़ती है। तो कहाँ के रह गए हैं आप? आपकी सुनवाई भी है इनकी सरकार में?

आतंकवादी हमले कुछ कम नहीं हुए इनके राज में। यहाँ पर एक आंकड़ा है मेरे पास। 683 आतंकवादी हमलों में तकरीबन 260 जवान और 170 आम जनता की जानें गई हैं। तो ये भी बात नहीं है कि आतंकवाद कम हो रहा है। 150 सालों से चली आ रही जो दरबार कूच थी, उसको भी इन्होंने खत्म कर दिया। एक परंपरा थी, आपको मालूम है। वो आपका गौरव था, उसको भी खत्म कर दिया। तो ये है आपका नया जम्मू-कश्मीर?

राज्य का दर्जा आपसे छीना। आपसे जब छीना गया तो आपको क्या-क्या बताया गया कि इससे बड़ा फायदा होगा आपका। क्या फायदा हुआ मैं जानना चाहती हूं? मैं जानना चाहती हूं, आपमें से कोई मुझे बताए कि क्या फायदा हुआ (जनसभा ने एक स्वर में कहा -कोई फायदा नहीं हुआ)। संविधान ने जो आपको सबसे बड़ा अधिकार दिया था, वोट का अधिकार, समानता का अधिकार, जो कबीर जी जैसे संतों ने, रविदास जी जैसे संतों ने जिसकी बात की थी, वो अधिकार, समानता का अधिकार कि भाई तुम में, तुम में और तुम में कोई फर्क नहीं है, सब समान हो। ये अधिकार हमारे संविधान में गढ़ा हुआ है। ये अधिकार छीना आपसे कि इतने सालों के लिए आप वोट तक नहीं दे पाए। तो क्या उम्मीद रख सकते हैं आप इन लोगों से? सब छीना है, सब लूटा है।

मंच पर आते हैं, मैं प्रधानमंत्री के भाषण की बात कर रही थी। 45 मिनट में से 20 मिनट तो मेरे परिवार पर उन्होंने व्यर्थ किए। अब आप मुझे बताओ कि अगर मैं यहाँ आकर 20 मिनट के लिए सिर्फ आपको ये सुनाऊं कि मोदी जी का परिवार ऐसा है, वैसा है, आपको क्या लगेगा, क्या लगेगा? बहन क्या लगेगा? यही लगेगा ना कि इस नेता को समझ में नहीं आ रहा है कि मेरी समस्या क्या है। मैं तो अपनी समस्या की बात सुनना चाहती हूं। यही लगेगा ना ( जनसभा ने कहा- हाँ यही लगेगा) और वो वही पुरानी रट लगाए हुए हैं, दस सालों से हम सुन रहे हैं और दस सालों से परिवर्तन नहीं आ रहा है, दस सालों से प्रगति नहीं आ रही है, घुटन हो रही है। खास तौर से यहाँ जम्मू और कश्मीर में घुटन हो रही है। भविष्य नहीं दिख रहा है आपको।

तो मैं आपसे क्या कहने आई हूं। पहचानिए, सच्चाई को पहचानिए। इंदिरा जी की बात की, उनके लगाव की बात की। एक सच्चाई थी उसमें, एक गहराई थी, वो आज तक हम अपने दिल में रखते हैं कि ये हमारी धरती है और आपकी धरती है। आप वहाँ बैठे हो, नेता मंच पर बैठे हैं। आप अलग नहीं हो नेताओं से। ये अलगपन दूर करना पड़ेगा हमें। आपको समझना पड़ेगा कि ये नेता आपने बनाए हैं। आपको समझना पड़ेगा कि नेता आए आपके सामने, आपकी समस्याओं के बारे में बात करें, तब तक आप वोट मत दो उसे, चाहे कोई भी हो।

ये लड़का नीरज, मैं इसे अच्छी तरह जानती हूं। संघर्षशील है, ईमानदार है और सबसे बड़ी बात पता है क्या है, हिम्मत है इसमें। लड़ने की हिम्मत है। जब-जब मैंने दिल्ली बुलाया कि आ जाओ, धरना प्रदर्शन है, एकदम आया और पीछे नहीं हटा। पुलिस ने लाठी मारी, तंग किया, धकेला, मारा, पीटा फिर भी पीछे नहीं हटा।  तो मैं अपने अनुभव से जानती हूं कि नीरज में हिम्मत है, लड़ने की शक्ति है और आपके लिए लड़ेगा। यहाँ की जो आपकी परंपरा है, महाराजा हरि सिंह की जो परंपरा थी, उन्होंने क्या किया – स्वास्थ्य की सुविधाएं देने की कोशिश की, पाठशालाएं बनाई, ये आपकी परंपरा है, सेवा की परंपरा है कि एक राजा भी सबसे पहले सेवा करते थे। ये जम्मू की परंपरा है और ये परंपरा नीरज के हृदय में बसी हुई परंपरा है।

मैं आपसे कहने आई हूं कि नीरज को आगे बढ़ाओगे, तो आप अपने भविष्य को मजबूत बनाओगे। नौजवान है, मगर समझदार है। इसमें वो विवेक है, जो हर नेता में होना चाहिए कि जनता सर्वोपरि है, मेरे से बड़ी है। ये समझते हैं।

चुनाव के संदर्भ में यहाँ आई हूं, तो मैं आपको ये भी बताना चाहती हूं कि कांग्रेस पार्टी का एक विजन है, एक नजरिया है आपके लिए, आपके भविष्य के लिए।

हम आपके राज्य का जो दर्जा है, वो आपको वापस देना चाहते हैं। मुझे हंसी आई, देश के गृहमंत्री जी ने एक भाषण दिया यहाँ आकर कि भाई, राज्य का दर्जा वापस चाहिए तो हमें वोट देना पड़ेगा। अरे, जब छीना आपने है। ये तो वही बात हुई कि घर के अंदर चोर आया, आपका टीवी लेकर चला गया और फिर चोर कहता है कि टीवी वापस चाहिए, तो भाई, मुझसे पूछो। वही बात हुई ना? लिया आपने, अब कह रहे हैं कि वोट नहीं दोगे, तो नहीं देंगे आपको, हम ही देंगे और कोई नहीं दे सकता आपको। समझ लीजिए क्या चाल चली जा रही है आपके साथ।

तो कांग्रेस पार्टी चाहती कि एकदम हमारी सरकार आएगी, तो हम आपको राज्य का दर्जा वापस देंगे।

150 साल पुरानी जो दरबार कूच की जो परंपरा है, वो फिर से शुरू की जाएगी।

आपके रोजगार, आपकी जमीन को हम सुरक्षित करेंगे। हम सुरक्षित रखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि आपके रोजगार का हक, आपका जमीन का जो हक है, वो आपके हाथों में वापस जाए।

जहाँ-जहाँ कांग्रेस की सरकारें आज हैं प्रदेशों में, वहाँ हमारा ये पूरा प्रयास है कि हम पेपर लीक के लिए जॉब कैलेंडर निकालना चाहते हैं और सख्त से सख्त कार्रवाई करना चाहते हैं कि अगर कोई पेपर लीक हो, ताकि जॉब कब मिलेगी, पेपर कब होगा, रिजल्ट कब आएगा, ये सब पहले से निर्धारित हो और इसके साथ कोई इधर-उधर करने की कोशिश करे कोई अधिकारी, तो उस पर सख्त कार्रवाई हो।

खाली पड़े एक लाख पदों को हम एकदम भरना चाहते हैं।

बेरोजगार युवाओं को प्रतिमाह साढ़े तीन हजार रुपए हम देना चाहते हैं ताकि उनका थोड़ा आत्मविश्वास बने। अपने पैरों पर खड़े होना का कम से कम मौका तो मिले।

घर की मुखिया महिला जो है, उनको हर महीने तीन हजार रुपए हम सम्मान राशि देना चाहते हैं। ये जहाँ-जहाँ हमारे प्रदेश हैं, वहाँ ये काम हम कर रहे हैं।

25 लाख तक स्वास्थ्य बीमा हम निकलवाएंगे। आज हमारे प्रदेशों में ये काम हो रहा है और राजस्थान में जब हमारी सरकार थी, तो हमने किया और उससे बहुत लाभ हुआ लोगों का। कैंसर के पेशेंट का, जो बड़ी-बड़ी बीमारियां होती हैं, बड़ी-बड़ी सर्जरियां करनी पड़ती है, वो लगभग मुफ्त हो गई, क्योंकि 25 लाख तक आपका बीमा था।

ये स्मार्ट मीटर, ये इंस्टॉल करने पर रोक लगेगी।

घरेलू और कमर्शियल उपभोक्ताओं के जो पेंडिंग बिल हैं, वो हम माफ करवाएंगे।

गरीब और किसानों की जो जमीन है, उससे बेदखल नहीं किया जाएगा आपको।

जो स्वयं सेवा समूह है, उनको पांच लाख तक का ब्याज मुक्त कर्ज मिलेगा।

ओबीसी को संविधान के अनुसार अपना पूरा हक मिलेगा।

मनमोहन सिंह जी के समय कश्मीरी पंडित भाईयो और बहनो के लिए जो शुरू हुई जो रिहैबिलिटेशन पॉलिसी थी, उसे दोबारा हम शुरु करवाएंगे।

देखिए, यहाँ आकर बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है। आपने तो बहुत नेताओं की सुनी होंगी बातें। एक विश्वास की बात होती है, प्रमाण की बात होती है कि ये जो कह रहे हैं, कहीं पर इन्होंने किया भी है। तो मैं चाहती हूं कि मेरी बातों पर ना जाएं आप, आप खुद जांच कीजिए। कर्नाटका में क्या हो रहा है, तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है, वहाँ क्या हो रहा है। हिमाचल में सरकार है, वहाँ भी पूरा प्रयास रहता है, केंद्र ने राशि बंद की हुई है। जिस आपदा को उनको, राष्ट्रीय आपदा घोषित करना था, वो किया नहीं, उसकी वजह से हिमाचल में दिक्कत जरुर है, लेकिन जहाँ-जहाँ हमारी सरकारें हैं, वहाँ-वहाँ हमारा प्रयास पूरा है कि जनता के लिए सरकार चले कि जनता का पैसा जनता के हाथों में वापस दिया जाए। जनता का हक जनता के हाथों में हो और यही हमारा यहाँ जम्मू और कश्मीर में प्रयास रहेगा।

ये मेरा वायदा है आपसे और मैं एक बार फिर से आपको धन्यवाद देती हूं कि आपने इतने ध्यान से मेरी बातों को सुना, वो भी इतना इंतजार करने के बाद, बहुत ही शुक्रगुजार हूं। आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद और जल्द ही श्राद्ध खत्म होने वाले हैं, नवरात्रे शुरू होंगे, त्योहार आएंगे, उसके लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप सब भाई-बहन हैं हमारे, आपके बच्चे फूलें-फलें, यही हमारी उम्मीद भी रहेगी।

धन्यवाद। जय हिंद।