संवाद -शरद मिश्रा
बांदा। डीएम नगेन्द्र प्रताप साहब समीक्षाओं की संख्याएँ बढ़ रहीं हैं पर निर्देशों पर क्रियान्वन व्यवस्था “महज कागजों में ही गुलाबी” है? कथित “नकारा अफसर” सरकार की योजनाओं के क्रियान्वन के प्रति “बेशर्मी से लापरवाह” से हैं? यह “काली कमरी” से हो गये हैं ,इन पर “निर्देशों का रंग नहीं चढ़ता”?
खैर,समीक्षा हुई है तो खबर लिखना ही है। डीएम नगेन्द्र नें शासन के निर्देशों के क्रम में अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की।आयुष्मान गोल्डन कार्ड को तेज गति से बनाये जाने के “निर्देश” दिये। प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये कि टीकाकरण के कार्य को पूर्ण करायें। शेष बच्चों को चिन्हाकिंत करें। शत्-प्रतिशत टीकाकरण हो। गर्भवती महिलाओं की सभी एएलसी की जांच नियमित रूप से कराये जाने के “निर्देश” दिये। उन्होंने नये निर्माण किये गये तीन हेल्थवेलनेश सेन्टरों में विद्युत कनेक्शन हेतु निर्देशित किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नये उप केन्द्रों को खोले जाने को शासन की मंशा के अनुसार कार्य करने को कहा। अब देखना होगा की यह सारे “निर्देश परंपरा की शूली में चढ़ते हैं या क्रियान्वन का नगाड़ा बजता” है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी न्यायिक अमिताभ यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डब्लू एचओ की वर्षा, सहित पीडीडीआरडीए एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।