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एड्स कंट्रोल के लिए कार्मिकों का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक हुआ संपन्न 18 जिलों के कार्मिकों ने प्रशिक्षण में किया प्रतिभाग

एचआईवी/एड्स के संक्रमण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण पाने के उद्देश्य से आयोजित हुआ कार्यक्रम

आगरा। उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी और गैर सरकारी संगठन “साथी” के सहयोग से लोक स्मृति सेवा संस्थान द्वारा आयोजित टारगेटेड इंटरवेंशन कार्यक्रम के अंतर्गत 25 से 29 सितम्बर 2024 तक आगरा में स्थित होटल नील क्लार्क्स इन में 64 कार्मिकों का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य एड्स की रोकथाम के लिए कार्यरत प्रमुख कार्मिक समूह, जैसे आउटरीच वर्कर, प्रोजेक्ट मैनेजर, काउंसलर और पीयर एजुकेटर की क्षमता वर्धन करना था।


प्रशिक्षण का उद्घाटन 25 सितम्बर 2024 को रमेश चंद्र श्रीवास्तव,जॉइंट डायरेक्टर(प्रिवेंशन), उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी एवं डीटीओ आगरा, डॉ. सुकेश गुप्ता के मार्गदर्शन में भास्कर ठाकुर (रीजनल प्रोग्राम ऑफिसर, नॉर्थ एवं सेंट्रल रीजन “साथी”) द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण में गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, मेरठ, आगरा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, फर्रुखाबाद, एटा, हापुड़, अमरोहा, हाथरस, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, शामली, संभल और आगरा के कार्मिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसाइटी के मार्गदर्शन में किया गया और समापन के बाद प्रशिक्षित कार्मिकों को जिला अधिकारी और उप जिला अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य: ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर, दिप्तेश राय ने बताया कि यह प्रशिक्षण मिशन 95-95-95 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन के तीन प्रमुख लक्ष्य हैं।

भारत में जितने भी लोग एचआईवी संक्रमित हैं, उनमें से 95% को उनके संक्रमण की जानकारी हो। एचआईवी संक्रमित 95% लोग एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) से जुड़े हों। एआरटी पर इलाज करा रहे 95% लोगों का वायरल लोड अंडिटेक्टेबल हो। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रमुख रूप से इन लक्ष्यों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, ताकि एचआईवी/एड्स के संक्रमण पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण पाया जा सके और संक्रमित लोगों को समुचित उपचार और सहायता मिल सके।


टीआई कार्यक्रम का उद्देश्य: उत्तर प्रदेश में लक्षित हस्तक्षेप (टीआई) कार्यक्रम एक रणनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य कमजोर आबादी के सामने आने वाली स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करना है। इस कार्यक्रम के तहत प्रमुख समूहों को जागरूकता बढ़ाने, शीघ्र पहचान और चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) के तहत सहकर्मी प्रशिक्षण का उद्देश्य एचआईवी/एड्स की रोकथाम, देखभाल और सहायता सेवाओं के वितरण को प्रभावी बनाना है। प्रशिक्षित पीयर एजुकेटर्स को नवीन पद्धतियों और अद्यतन ज्ञान से सशक्त किया जा रहा है, ताकि वे समुदाय में जोखिम में कमी और एचआईवी परीक्षण और उपचार सेवाओं की पहुंच को बढ़ा सकें।


कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता: इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री भास्कर ठाकुर (रीजनल प्रोग्राम ऑफिसर, नॉर्थ एवं सेंट्रल रीजन “साथी”), वरिष्ठ मास्टर ट्रेनर्स श्री प्रशांत कुमार श्रीवास्तव, श्री अरविंद भारद्वाज, श्री मनोज सिंह और श्रीमती वंदना बाजपेई का महत्वपूर्ण योगदान रहा। समापन: इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रशिक्षित और सशक्त कार्मिक अब अपने समुदाय में एचआईवी/एड्स की रोकथाम और जागरूकता फैलाने में अपनी भूमिका को और प्रभावी ढंग से निभा सकेंगे।