उत्तर प्रदेशजीवन शैली

बारिश से दलहनी फसलें हुई चौपट धान के लिये है मुफीद

संवाद / विनोद मिश्रा


बांदा। पहले सूखा, फिर बाढ़ और अब बारिश से खरीफ की फसल चौपट हो रही है। सितंबर में दो दिनों से लगातार हो रही तेज और रिमझिम बारिश का संगम धान के लिए मुफीद है,पर दलहन और तिलहन की फसलों सहित सब्जियों के लिए नुकसानदायक है।
खेत में मूंग, उर्द, तिल की फसल तैयार खड़ी है, लेकिन किसान लगातार हो रही बारिश से फसल काटने व माड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उधर, बारियों में लगी सब्जियों के पौधों के फूल जमीन में गिरने से उत्पादन पर 50 फीसदी असर पड़ सकता है।

मंडल में इस वर्ष खरीफ की बुआई और धान की रोपाई के लिए 4,35,504 हेक्टेयर का लक्ष्य था। जुलाई में बारिश न होने से किसान खरीफ बुआई व धान की रोपाई नहीं कर पाए। 15 अगस्त से बारिश शुरू हुई तो किसानों ने किसी प्रकार 3,99,868 हेक्टेयर में अरहर, उर्द, मूंगफली, मूंग, ज्वार, बाजरा आदि की बुआई सहित धान की रोपाई की।


सितंबर के अंतिम सप्ताह के आखिरी में दो दिनों से हो रही तेज और रिमझिम बारिश से खरीफ की फसल को नुकसान पहुंच रहा है। किसानों का कहना है कि यदि मूंग, उर्द, तिल काट लिया तो धूप न निकलने से सड़ जाएंगे। कमोवेश यही स्थिति सब्जियों की है। किसानों का कहना है कि बारिश से पौधों में निकलने वाले फूल जमीन में गिर जाते हैं। इससे पौधों में फल नहीं लग पा रहे हैं। जल भराव से पालक, धनिया, तरोई, लौकी, करैला आदि पौध चौपट हो रहे हैं। मौसम साफ नहीं हुआ तो उत्पादन पर 50 फीसदी से अधिक का नुकसान होगा। हालांकि धान की फसल को कोई नुकसान नहीं है।