संवाद -शरद मिश्रा
बाँदा। डीएम बेसिक शिक्षा की दुर्दशा देख दंग हो गये। निरीक्षण में उन्हें व्यवस्था जार -जार नजर आई। बच्चों में “शैक्षणिक गुणवत्ता लिख लोढ़ा पढ़ पत्थर मिली”! यानी हर स्तर पर दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति देख नर्म हृदय के धनी डीएम नगेन्द्र को क्रोध आया। उन्होंने शिक्षकों एवं संबंधित अधिकारियों को डपटा। डीएम नगेन्द्र प्रताप नें सोमवार को तिन्दवारी के मिरगहनी उच्च प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। तो आश्चर्यचकित रह गये। शिक्षण का स्तर 25 प्रतिशत भी सही नहीं था। विद्यालय का निरीक्षण करते हुए परिसर में निर्माणाधीन आंगनबाडी केन्द्र के निर्माण को देखा जिसमें मानक एवं गुणवत्ता की ऐसी -तैसी थी। उन्होंने कक्षा-3 व 4 के बच्चों से शिक्षा की गुणवत्ता का आंकलन करने हेतु हिन्दी भाषा व गणित विषय के सम्बन्ध प्रश्न पूंछे। संतोषजनक उत्तर न मिलने पर सम्बन्धित अध्यापकों को शिक्षा की गुणवत्ता पर सुधार करने के निर्देश दिये। कहा की सभी अध्यापक नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित रहें तथा निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत निर्धारित किये गये कोर्स के अनुसार बच्चों को बेेहतर शिक्षा दें।
डीएम नें कक्षाओं मेें बच्चों को ड्रेस में उपस्थित न रहने पर खंड शिक्षा अधिकारी को फटकारा। बच्चों को निर्धारित मीनू के अनुसार मिड डे मील का गुणवत्तायुक्त के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य, बेसिक शिक्षाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी एवं विद्यालय के अध्यापकगण उपस्थित रहे।