कहा उत्तराखंड में वैदिक वेडिंग डेस्टिनेशन स्थापित करने में सहयोग को हैं तैयार है एसोसिएशन
यूपी के आध्यात्मिक स्थल एवं देव भूमि उत्तराखंड के स्थलों पर भारतीय रीतिरिवाज से होंगे विवाह, प्रमोट करेगी एसोसिएशन
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड को संयुक्त रूप से वेडिंग डेस्टिनेशन स्टेट बनाने की आवश्यकता, पर्यटन की असीम संभावनाएं
आगरा। सनातन धर्म में देवभूमि उत्तराखंड का विशेष महत्व है। इस महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि की धरती को वैदिक वेडिंग डेस्टिनेशन बनने का सपना देख रहे हैं। पीएम मोदी के सपने को पूरा करने की दिशा में वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन हर तरह के सहयोग को तैयार है, यूपी के आध्यात्मिक स्थल एवं देव भूमि उत्तराखंड के स्थलों पर भारतीय रीतिरिवाज से होंगे विवाह, प्रमोट करेगी एसोसिएशन। सहयोग के प्रस्ताव को एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उत्तराखंड सरकार के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के समक्ष रखा।
विगत दिवस आगरा− फरह आए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से यूपी वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल रावी, महासचिव संदीप उपाध्याय, मनीष सिंघल, विमल गोयल और सागर तोमर ने भेंट की। अध्यक्ष मनीष अग्रवाल रावी ने बताया कि उत्तराखंड देव भूमि सनातन धर्म में सदैव से ही पूजनीय रही है। और किसी समय में यूपी और उत्तराखंड एक हुआ करता था ऐसी स्थति में यूपी और उत्तराखंड के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के दृस्टिकोण से संयुक्त रूप से प्रमोट करने की आवश्यकता है यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन इंडस्ट्री को और अधिक पंख लग सकते हैं, यदि इसे वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित किया जाए दोनों हि स्थानों को |
वेड इन इंडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भी यही सपना है।
महासचिव संदीप उपाध्याय ने बताया कि यूपी वेडिंग इंडस्ट्री एसोएसिएशन उत्तर भारत में विवाह उद्योग से जुड़े करीबन 2000 प्रमुख प्रतिष्ठानों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है। उत्तराखंड एवं यूपी में वैदिक एवं सांस्कृतिक डेस्टिनेशन वेडिंग के प्रोत्साहन हेतु पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को प्रस्ताव दिए गए। जिसके अंतर्गत कहा गया कि उत्तराखंड, हिमालय, नदियों और जंगलों के अद्भुत दृश्य प्रदान करता है। वैदिक या सांस्कृतिक विवाह की तलाश करने वाले जोड़ों के लिए यह शांति और दिव्यता से भरपूर स्थान आदर्श है। राज्य में कई प्राचीन मंदिर और आश्रम हैं जो पारंपरिक वैदिक विवाहों के लिए उत्कृष्ट स्थल हो सकते हैं। इन स्थानों का धार्मिक महत्व विवाह में आध्यात्मिकता जोड़ता है। यहां के लोक नृत्य, संगीत, रस्में, खानपान आदि वैवाहिक आयोजनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। उत्तराखंड में थीम आधारित विवाह पैकेज तैयार किया जा सकता है। जिसमें ऋषिकेश के घाटों, आध्यात्मिक स्थानों, या मंदिर परिसरों को शामिल किया जाए, जहां जोड़े पुजारियों के मार्गदर्शन में सप्तपदी (सात फेरे) जैसे पारंपरिक अनुष्ठान कर सकते हैं। गढ़वाली या कुमाऊंनी लोक संस्कृति को वैवाहिक पद्वति में शामिल किया जा सकता है। यदि वेडिंग इंडस्ट्री उत्तराखंड में विकसित होती है तो स्थानीय व्यवसाय, विक्रेताओं को विशेष लाभ होगा। पारंपरिक उत्तराखंडी व्यंजन जैसे भांग की चटनी, काफुली, और आलू के गुटके आदि की प्रसिद्ध देश दुनिया तक पहुंच सकती है। खान− पान, टूर ऑपरेटर और रिसॉर्ट्सख फ्लॉवर डेकोरेटर आदि के साथ मिलकर वैडिंग इंडस्ट्री यहां फलफूल सकती है। उन्हाेंने बताया कि उत्तराखंड में वैदिक / सांस्कृतिक डेस्टिनेशन वेडिंग के प्रोत्साहन हेतु पर्यटन मंत्री को वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन को विवाह उद्योग में विशेषज्ञता, अनुभव और निपुणता, संस्कृति और परंपरा की समझ, बड़े पैमाने पर आयोजन क्षमता के कारण सलाहकार नियुक्त करने के लिए प्रस्ताव पत्र प्रदान किया गया। पर्यटन मंत्री ने प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही।