घृणित मानसिकता और देश तोड़ने वाले बर्दाश्त नहीं: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद के हालिया बयान ने एक बार फिर समाज में भारी अशांति और नफरत का माहौल पैदा कर दिया है। इस बार, उन्होंने धार्मिक भावना पर चोट करते हुए कहा, “अगर हर दशहरे पर पुतले जलाने हैं, तो मोहम्मद के पुतले जलाओ।” यह बयान केवल मुस्लिम समुदाय को आहत करने वाला नहीं, बल्कि भारतीय समाज की सांप्रदायिक सद्भावना के लिए भी एक गंभीर खतरा है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की प्रतिक्रिया
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने नरसिंहानंद के इस बयान की कड़ी निंदा की है और इसे एक संगठित प्रयास बताया है जिसका मकसद समाज में विभाजन और नफरत फैलाना है। मंच ने घोषणा की है कि देशभर में यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और इसके लिए एक राष्ट्रीय अभियान चलाया जाएगा ताकि ऐसे घृणास्पद बयान देने वालों को कानूनी रूप से रोका जा सके।
MRM बैठक में अहम फैसले
मंच की ऑनलाइन बैठक में राष्ट्रीय संयोजक, प्रकोष्ठों के संयोजक, प्रांतीय और क्षेत्रीय समोजक एवं सह संयोजकों समेत लगभग 100 कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। बैठक में मोहम्मद अफजाल, विराग पचपोर, डॉक्टर शाहिद अख्तर, सैयद रजा हुसैन रिजवी, अबू बकर नकवी, गिरीश जुयाल, एसके मुद्दीन, डॉक्टर शालिनी अली, रेशमा हुसैन, शाहिद सईद, डॉक्टर माजिद तालिकोटी, डॉक्टर ताहिर हुसैन, इरफान अली पीरजादा, हाफिज मोहम्मद साबरीन, इमरान चौधरी, तसनीम पटेल, फैज खान, बिलाल उर रहमान, मजाहिर खान, फारूक खान, हसन नूरी, मोहम्मद अजहरुद्दीन, मीर नजीर, ताहिर शाह, जाहिर हुसैन, शमीम बानो, मोहम्मद शाकिर भी शामिल रहे।
कठोर फैसले की जानकारी
बैठक के बाद, राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकर्ता देश के हर हिस्से में यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। यह नफरत भरी बयानबाजी केवल मुसलमानों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे देश के खिलाफ है।” उन्होंने नरसिंहानंद के बयान को ‘धार्मिक उकसावे’ का नाम दिया। उन्होंने कहा, “ऐसे बयान देश की संवैधानिक संरचना को चोट पहुंचाते हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इसके खिलाफ कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर संघर्ष करेगा।”
पहले से दर्ज एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं
यति नरसिंहानंद के खिलाफ पहले से कई एफआईआर दर्ज हैं, जो उनके भड़काऊ और नफरत भरे भाषणों से संबंधित हैं। लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद आफ़ज़ल ने इस पर गहरा आक्रोश जताते हुए कहा, “नरसिंहानंद के खिलाफ पहले से दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई का न होना प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। यह न केवल मुस्लिम समुदाय को बल्कि पूरे देश के कानून और व्यवस्था को कमजोर करता है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द ही कार्रवाई नहीं की, तो इससे समाज में और अधिक अस्थिरता पैदा होगी और ऐसे घृणा फैलाने वाले लोग बेखौफ होकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।
शाहिद अख्तर का तीखा विरोध
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर शाहिद अख्तर ने यति नरसिंहानंद के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “ऐसे अपमानजनक बयान सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज की साझी संस्कृति को ठेस पहुंचाते हैं। नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के बयान देने की हिम्मत न कर सके।” उन्होंने कहा, “धर्म के नाम पर किसी भी व्यक्ति को समाज में जहर घोलने का अधिकार नहीं है। हम इस घृणित मानसिकता के खिलाफ तब तक संघर्ष करेंगे जब तक न्याय नहीं मिल जाता।”
राष्ट्रीय आंदोलन की तैयारी
मंच के वरिष्ठ नेताओं ने घोषणा की है कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन शुरू किया जाएगा। मंच की राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर शालिनी अली ने कहा, “यह केवल मुस्लिम समुदाय की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय समाज की है। हम अन्य सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय आंदोलन का आयोजन करेंगे ताकि ऐसे नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।” मंच ने यह भी बताया कि वे सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर आम जनता को भी इस लड़ाई में शामिल करेंगे, ताकि लोग नफरत की राजनीति और सांप्रदायिक विभाजन को समझ सकें और उसके खिलाफ खड़े हो सकें।
मंच का संकल्प
मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद आफ़ज़ल ने जोर देकर कहा कि मंच यति नरसिंहानंद के खिलाफ तब तक संघर्ष करता रहेगा जब तक उन्हें उनके नफरत भरे भाषणों के लिए सजा नहीं मिल जाती। उन्होंने कहा, “हम कानूनी और सामाजिक दोनों मोर्चों पर लड़ाई लड़ेंगे और समाज में शांति और सद्भावना को बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।” मंच के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने वक्तव्यों में इस बात पर जोर दिया कि नरसिंहानंद के खिलाफ यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उन्हें उनके घृणास्पद बयान के लिए सजा नहीं दी जाती।
राष्ट्रीय आंदोलन का आह्वान
शाहिद सईद ने इस बात पर जोर दिया कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ मंच का संघर्ष एक लंबे और व्यापक आंदोलन की शुरुआत है। उन्होंने कहा, “हम न केवल कानूनी कार्रवाई करेंगे, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलाएंगे ताकि लोग इस तरह की विभाजनकारी बयानबाजी के खिलाफ खड़े हो सकें।” उन्होंने कहा कि “मंच का मूल उद्देश्य जियो और जीने दो, विकास के रास्ते पर चलो और विनाश की घोर निंदा करो” पर आधारित है। अर्थात अपने अपने धर्म पर चलें परंतु दूसरे धर्मों की आलोचना नहीं, इज्जत करें। मंच को न तो धर्मांतरण कबूल है न ही किसी मजहब का अपमान पसंद है। साथ ही साथ मंच चाहते है कि समाज का हर वर्ग शांति से रहे। लिंचिंग न तो गाए की बर्दाश्त है और न ही किसी व्यक्ति की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना।
नफरत के खिलाफ एकजुटता का संदेश
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने इस बयान के जरिये एक सशक्त संदेश दिया है कि वे समाज में शांति और सद्भाव को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मंच ने नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और देश के सभी नागरिकों से इस संघर्ष में शामिल होने की अपील की है। मंच के वरिष्ठ नेताओं ने कहा, “हमारी लड़ाई केवल यति नरसिंहानंद जैसे व्यक्तियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि उनके विचारों और घृणास्पद मानसिकता के खिलाफ है। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक भारत में हर धर्म और समुदाय के लोग सुरक्षित और सम्मान के साथ नहीं रह सकते।”
नरसिंहानंद का इतिहास और कठोर सजा की मांग
यह पहली बार नहीं है जब यति नरसिंहानंद ने अपने भड़काऊ भाषणों से समाज में दंगा कराने और देश को तोड़ने का प्रयास किया है। उनके पिछले बयानों में भी ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जो इस बात को प्रमाणित करते हैं कि उनका उद्देश्य देश में अशांति फैलाना है। ऐसे कृत्यों को कठोरतम सजा दिए जाने योग्य माना जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार के अपमानजनक और विभाजनकारी बयान देने की हिम्मत न कर सके।