संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जनपद न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के अध्यक्ष डॉ. बब्बू सारंग के निर्देशानुसार, शुक्रवार को कारागार में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य जेल बंदियों को धारा-479 बीएनएसएस के तहत प्रदत्त विधिक सेवाओं के संबंध में जानकारी देना था। शिविर की अध्यक्षता अपर जिला जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्रीपाल सिंह द्वारा की गई।
शिविर में श्रीपाल सिंह ने बंदियों को सूचित किया कि उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-479 को देशभर के सभी विचाराधीन बंदियों पर पूर्वव्यापी रूप से लागू करने का निर्देश दिया है। यह प्रावधान अब दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए की जगह लेता है। धारा 479 के तहत, पहली बार अपराध करने वालों को नई छूट प्रदान की गई है,जिसमें कहा गया है कि यदि कोई बंदी अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि की एक तिहाई अवधि तक हिरासत में रहा हो, तो उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है। पहले यह प्रावधान आधी अवधि के लिए था।
शिविर में लीगल एड डिफेंस काउंसिल के चीफ मूलचंद्र कुशवाहा और डिप्टी चीफ विकांत सिंह ने भी बंदियों को विधिक सेवाओं से संबंधित जानकारी दी। इसके बाद, सचिव श्रीपाल सिंह ने कारागार की पाकशाला, अस्पताल और बैरकों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान बंदियों से उनके खान-पान और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली गई।