संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल की बढ़ती लोक प्रियता विपक्षी दलों के गले नहीं उतर रही। अब उनको बदनाम करने के लिये साजिशन सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। मोबाईल के सोशल प्लेटफार्म पर बबेरू क्षेत्र निवासी संदीप पटेल “जो अपने को सांसद कृष्णा पटेल का कथित प्रतिनिधि एवं जय सरदार सेना का जिलाध्यक्ष के साथ हीं पत्रकार” कहता है,उसने अपनी पोस्ट में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पर आरोप लगाया है की ग्राम करहुली निवासी बन्ने सिंह (प्रधान प्रतिनिधि) जो पंचायत अध्यक्ष का खास है नें मुझे जान से मारने की धमकी दी है।
इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील के राजनीतिक कैरियर को भी अनर्गल टिप्पणी से “छवि धूमिल करने का कूटरचित प्रयास” किया है।इस संदर्भ में “जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील नें रविवार को प्रेस वार्ता की। मीडिया के सामने सारा मामला रखते हुये कहा की मै तो बन्ने सिंह को जनता नहीं। जहां तक मेरे साथ उसकी तस्वीर का सवाल है तो मै राजनीतिक व्यक्ति हूँ। बहुत सारे लोगों द्वारा मेरे साथ तस्वीरें खिंचवाना आम बात है। उन्होंने मीडिया से अनुरोध किया की आरोप लगाने वाला चूंकि मीडिया से है, इसलिये आप लोग समिति गठित कर पूरे मामले की सत्यता की जांच कर लें। साजिशन अनर्गल आरोप एवं टिप्पणी लगाना पत्रकार के पद पर होते हुये मर्यादा के अनुकूल नहीं है।
दूसरी ओर इस मामले में जन चर्चाओं को यदि सच माना जाये तो जिला पंचायत अध्यक्ष “सुनील पटेल की लोक प्रियता सपा सांसद कृष्णा पटेल को खटक” रही है? कहीं उनके इशारे पर जिला “पंचायत अध्यक्ष सुनील”को बदनाम करने की साजिश तो नहीं हो रही! “यह शंकायें राजनीतिक क्षेत्र में एक विचारणीय अहम पहलू” भी बनी हुई है!