भागलपुर : मुस्लिम एजुकेशन कमिटी के तत्वावधान में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के टॉपर छात्रों का भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर डॉक्टर शाहिद रजा जमाल ने शिरकत की और उपस्थित लोगों को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने भागलपुर जिले की शिक्षा, सांस्कृतिक धरोहर और इसकी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
डॉ. जमाल ने अपने संबोधन में भागलपुर जिले की विशिष्टताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह जिला सदियों से शिक्षा और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। उन्होंने भागलपुर की ऐतिहासिक और शैक्षिक भूमिका को उजागर किया, विशेषकर यह कि मुल्क की पहली महिला ग्रेजुएट तथा पहलीऔ महिला एमबीबीएस कदंबिनी इसी जिले से थी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल भागलपुर बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
उन्होंने भागलपुर की पुरातन शिक्षा प्रणाली और यहाँ के संस्थानों की गुणवत्ता पर भी विस्तार से चर्चा की। भागलपुर को उन्होंने शिक्षा और संस्कार की भूमि बताया, जहाँ से न केवल शैक्षिक क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक धरोहरों में भी अनेक योगदान हुए हैं। डॉ. जमाल ने इस बात पर जोर दिया कि यहाँ की संस्कृति और शिक्षा का इतिहास बहुत ही समृद्ध है और इसे आज के युवाओं को समझने और अपनाने की आवश्यकता है । उन्होंने बेगम रुकैया खातून का भी उदाहरण पेश किया जिन्होंने भागलपुर में महिला शिक्षा का अलख जगाया।
इस कार्यक्रम में भागलपुर और आसपास के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। छात्रों ने शिक्षा के प्रति समर्पण और मेहनत से प्राप्त की गई सफलता के लिए सराहना प्राप्त की। मुस्लिम एजुकेशन कमिटी के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं और उन्हें प्रेरित किया कि वे भविष्य में भी इसी तरह उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहे।
भागलपुर जिला न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने देश को कई प्रतिष्ठित विद्वान, लेखक, और वैज्ञानिक दिए हैं। डॉ. जमाल ने अपने संबोधन में इस बात पर बल दिया कि भागलपुर का शैक्षणिक योगदान आज भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना अतीत में था। यहाँ के छात्र न केवल शैक्षिक क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में भी अग्रणी रहे हैं।
मुस्लिम एजुकेशन कमिटी का यह आयोजन भागलपुर के शैक्षणिक और सांस्कृतिक महत्व को नए सिरे से पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। इस कार्यक्रम ने न केवल टॉपर छात्रों को सम्मानित किया, बल्कि जिले की शैक्षणिक धरोहर और इसके गौरवशाली इतिहास पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर डॉक्टर शहीद राजा जमाल का भाषण छात्रों और समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, जिससे उन्हें अपनी शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व करने का अवसर मिला।
इस अवसर पर हबीब मुर्शिद खान ने अपने संबोधन में कहा कि मुस्लिम एजुकेशन कमिटी में जब भी कोई प्रोग्राम होता है तो यहां के महासचिव व अध्यक्ष को छोड़कर चंद ही दीगर स्टाफ शरीक होते हैं । उन्होंने कहा कि इससे उर्दू की तरक्की कैसे होगी जब मुस्लिम संस्था के जिम्मेदार ही प्रोग्राम में शरीफ नहीं होंगे और प्रोग्राम को कामयाब नहीं बनाएंगे? उन्होंने टॉपर्स को सम्मानित कार्यक्रम की सराहना की।
समाज सेवी महबूब आलम ने कहा के छात्र-छात्राएं मेहनत और लगन से शिक्षा ग्रहण करें शिक्षा ऐसी चीज है जिसको कोई छीन नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं अपना मिशन तय करें और उसके मुताबिक आगे बढ़ाने की कोशिश करें उन्होंने शिक्षकों और उनके गार्जियन की मेहनत की तारीफ की।इस अवसर पर मुस्लिम एजुकेशन कमिटी के अध्यक्ष इंजीनियर इस्लाम ने भी भाषण दिया उन्होंने भागलपुर की स्वर्णिम गाथा तथा योगदान का वर्णन किया।
कार्यक्रम में डॉ रिजवान उल्ला, जावेद खान, डॉ तबरेज आलम के अलावा तकी जावेद, सलमा परवीन आसिफ , फैयाज आलम, सज्जाद आदि उपस्थित थे।