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डी०ए०पी० उर्वरक का वितरण पात्र किसानों को उनकी खतौनी के अनुसार निर्धारित मात्रा में उपलब्ध कराये-जिलाधिकारी

यथासम्भव आवश्यकता के समय ही डी०ए०पी० उर्वरक का क्रय करें, जनपद में निरंन्तर डी०ए०पी० उर्वरक की बनी रहेगी उपलब्धता

उर्वरक अनियमितता, कालाबाजारी एवं ओवर रेटिंग न होने पाये, पाये जाने पर सम्बन्धित के खिलाफ सुसंगत धाराओं हो मुकदमा पंजीकृत- जिलाधिकारी

आगरा। जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी द्वारा जनपद में विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों एव आमजन के माध्यम से डी०ए०पी० उर्वरक की कालाबाजारी की समस्या को रोकने एवं किसानों को पर्याप्त मात्रा में डी०ए०पी० उर्वरक उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से विकास खण्ड खन्दौली एवं अच्छनेरा की ग्रामीण सहकारी समितियों एवं व्यक्तिगत उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।


सर्व प्रथम विकास खण्ड खन्दौली के अर्न्तगत श्री महालक्ष्मी ट्रेडर्स, खन्दौली, श्री बॉके बिहारी ट्रेडर्स, खन्दौली, सहकारी समिति लिमिटेड, सैमरा, खन्दौली तथा सहकारी समिति बडागॉव, पैंतर खेडा, खन्दौली का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी महोदय द्वारा स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर का ई पॉस मशीन में उपलब्ध डाटा का मिलान कराया गया, जिसमें कोई अन्तर नही पाया गया तथा बिक्री रजिस्टर में क्रेता का सिर्फ आधार कार्ड नम्बर अंकित होन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह को तत्काल सभी सम्बन्धित बिक्रेताओं को आधार कार्ड नम्बर के साथ-साथ मोबाइल नम्बर अंकित कराने तथा खतौनी की छायाप्रति भी प्राप्त करने सम्बन्धी पत्र निर्गत किये जाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी महोदय द्वारा सचिव, सहकारी समिति को निर्देश दिये कि किसानों को उर्वरक के साथ किसी अन्य बस्तु क्रय करने के लिए बाध्य न किया जाये तथा उर्वरक की मांग को जल्द से जल्द भेजा जाये ताकि मांग के अनुरूप उर्वरक भेजा जा सके तथा किसानों को समय से उर्वरक उपलब्ध हो सके।


उक्त के उपरान्त जिलाधिकारी महोदय द्वारा विकास खण्ड अच्छनेरा के अन्तर्गत सहकारी समिति अभैदोंपुरा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान समिति सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि उनके पास दो समितियों का कार्यभार है, जिसके कारण वह एक दिन बाद से उर्वरक का वितरण कर सकेगें, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा ए आर कोआपरेटिव को निर्देश दिये कि जिन समितियों में उर्वरक की मांग पूरी हो चुकी है उन समितियों में से एक सचिव की डियुटी सहकारी समिति अभैदोंपुरा में लगाई जाये, जिससे किसानों को समय से उर्वरक का वितरण किया जा सके।


जिलाधिकारी महोदय ने बताया कि रबी की फसलों हेतु जनपद में पर्याप्त मात्रा में फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध है माह अक्टूबर में कुल डी०ए०पी० उर्वरक की कुल मॉग 20,000 मै० टन है जिसमें से 7,291 मै० टन डी०ए०पी० उपलब्ध है, माह अक्टूबर में शेष डी०ए०पी० की आवश्यकता 12,709 मै० टन है। जनपद में उर्वरक की व्यवस्था बनाये रखने के लिये उनके द्वारा 10800 मै० टन डी०ए०पी० की आपूर्ति हेतु शासन को पत्र लिख गया है तथा पी०सी०एफ० से समयपूर्व ही 20 प्रतिशत प्री पोजिशन स्टॉक मात्रा 900 मै० टन सभी समितियों हेतु रिलीज कर दिया गया था, जिसकी आपूर्ति साधन सहकारी समितियों पर की जा चुकी है।

अवशेष 3600 मै०टन प्री पोजिशन स्टॉक भी रिलीज किया जा चुका है। जो अगले दो दिवसों में शत-प्रतिशत साधन सहकारी समितियों पर आपूर्तित कर दिया जायेगा। उक्त के अतिरिक्त 2520 मै० टन इफकों डी०ए०पी० रैक सम्भवतः 10.10.2024 तक लग जायेगी, प्रतिदिन समितियों पर लगभग 500 मै०टन डी०ए०पी० खाद की आपूर्ति की जा रही है, उर्वरक की सुचारू रूप से व्यवस्था हेतु जिलाधिकारी द्वारा जनपद के समस्त उर्वरक थोक विकताओं की बैठक कर कालाबाजारी, ओवर रेटिंग एवं अनावश्यक टैंगिग के सम्बन्ध में सख्त निर्देश दिये गये है।

उन्होने आगे यह भी बताया कि जनपद के समस्त उर्वरक थोक विक्रेता, साधन सहकारी समिति एवं फुटकर उर्वरक विकताओं के प्रतिष्ठानों पर भौतिक सत्यापन हेतु अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, जिला स्तरीय अधिकारी, नायब तहसीलदार के स्तर के अधिकारियो की ड्यूटी लगाते हुये निर्देश दिये है कि कही पर भी उर्वरक अनियमितता, कालाबाजारी एवं ओवर रेटिंग न होने पाये यदि ऐसा पाया जाता है तो सम्बन्धित के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 एवं उर्वरक नियत्रण आदेश 1985 के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत कराते हुये कडी कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें। इस कम में अपर जिलाधिकारीयों के द्वारा जनपद के समस्त थोक विक्रेताओं का उर्वरक गोदामों का निरीक्षण कर पॉस मशीन से मिलान कर डी०ए०पी० उर्वरक का भौतिक सत्यापन किया।

जिले के समस्त उप जिलाधिकारीय, तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा साधन सहकारी समितियों एवं फुटकर उर्वरक विकताओं का पॉस मशीन से मिलान कर डी०ए०पी० उर्वरक का भौतिक सत्यापन किया गया। उक्त के अतिरिक्त समस्त उर्वरक विकताओं (निजी एंव सहकारिता) को निर्देशित किया गया कि उर्वरक का वितरण कृषकों से आधार कार्ड की छायाप्रति, मोबाईल नम्बर एवं खतौनी प्राप्त करने के उपरान्त ही विक्रय किया जाये एवं बिकी रजिस्टर में अभिलेखो सहित समस्त सूचननाओ को दर्ज करते हुये, निरीक्षण के समय उपलब्ध कराया जाये।


उक्त अवसर पर जिला कृषि अधिकारी विनोद सिंह, सम्बन्धित तहसील के नायब तहसीलदार/तहसीलदार, सम्बन्धित समितियों के सचिव सहित कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी एवं किसान बन्धु आदि उपस्थित रहे।