11 से 31 अक्टूबर 2024 तक चलाया जाएगा दस्तक अभियान
आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया
आगरा। जनपद में 11 से 31 अक्टूबर 2024 तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। दस्तक अभियान के तहत बुखार और खांसी के रोगियों, इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस(आईएलआई), टीबी, फ़ाइलेरिया, कालाजार और कुष्ठ के रोगियों और कुपोषित बच्चों को खोजा जाएगा। इसी क्रम में मंगलवार को शमसाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर बुखार और खांसी के रोगियों, इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस(आईएलआई), टीबी, फ़ाइलेरिया, कालाजार और कुष्ठ के रोगियों और कुपोषित बच्चों को खोजेंगी और उनकी सूची बनायेंगी। जिन घरों के भीतर मच्छर का लार्वा पाया जाएगा उनका चिन्हीकारण कर सूचना ब्लॉक मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय पर प्रेषित की जाएगी। अभियान के दौरान इस बार हाइपरटेंशन एवं डायबिटीज के मरीजों की भी लिस्ट बनाई जानी है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. जितेन्द्र कुमार लवानिया ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोग के लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दी गई साथ ही दस्तक अभियान के तहत प्रत्येक भ्रमण किए गए परिवारों में कुष्ठ से संबंधित लक्षणों की जानकारी प्राप्त कर जांच और उपचार के लिए प्रेरित करने के बारे विस्तार से जानकारी दी गई।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. ध्रुव गोपाल ने बताया कि कुष्ठ रोग की जानकारी देते हुए बताया कि कुष्ठ रोग की बीमारी समय से उपचार करके पूरी तरह ठीक की जा सकती है इसलिए लोगों को प्रेरित करें कि वह कुष्ठ रोग से संबंधित के लक्षण होने पर अपनी जांच अवश्य कारण और कुष्ठ की पुष्टि होते ही तुरंत इलाज शुरू कर दें।
शमसाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ सोनी ने बताया कि दस्तक अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य कुष्ठ रोग के नए मामलों की पहचान करना और उन्हें उचित उपचार प्रदान करना है। आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका इस अभियान में बहुत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि वे समुदाय के साथ मिलकर काम करेंगी और कुष्ठ रोग के मरीजों की पहचान करने में मदद करेंगी।
आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में नॉन मेडिकल असिस्टेंट उमेश चंद्र शर्मा व अन्य मौजूद रहे।
दस्तक अभियान के उद्देश्य:
- कुष्ठ रोग के नए मामलों की पहचान करना।
- मरीजों को जांच और उपचार के लिए प्रोत्साहित करना।
- कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- समुदाय में कुष्ठ रोग के प्रति भेदभाव को कम करना।
दस्तक अभियान के दौरान किए जाने वाले कार्य
- घर-घर जाकर कुष्ठ रोग के लक्षणों की जांच करना।
- मरीजों को जांच और उपचार के लिए प्रोत्साहित करना।
- कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- मरीजों को उपचार केंद्रों तक पहुंचाने में मदद करना।दस्तक अभियान के दौरान किए जाने वाले कार्य
- दस्तक अभियान आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका:
- घर-घर जाकर सर्वेक्षण।
- कुष्ठ रोग के लक्षणों की जांच।
- मरीजों को जांच और उपचार के लिए प्रोत्साहित करना।
- कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर, बैनर और पम्फलेट वितरित करना।
- समुदाय में कुष्ठ रोग के प्रति भेदभाव को कम करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।