संवाद – विनोद मिश्रा
बांदा। स्वास्थ विभाग संचारी रोगों से लड़ने का दावा कर रहा है लेकिन लगता ऐसा है की संचारी रोगों से लड़ने में उसकी “नूरा कुश्ती” सी हो रही है। सीएमओ अनिल श्रीवास्तव की संचारी रोगों से दुरभिसंधि सी हो गई है ? क्योंकि संचारी रोग अपना संचार और विस्तार तेजी से कर रहे हैं। यह “घर घर दस्तक दे बिन बुलायें मेहमांन की तरह प्रवेश” कर रहे हैं। “स्वास्थ विभाग का कथित चक्रव्यूह इन्हें रोकने में कामयाब नहीं” हो रहा। संचारी “रोग जनता के साथ जमकर महाभारत” कर रहे हैं।
रोगो की बाढ़ के क्रम में मलेरिया और डेंगू को हीं लें तों इनका जमकर अट्टाहस हैं। बचाव के लिये लोग अस्पतालों की शरण लें रहे हैं।अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, “मलेरिया विभाग फॉगिंग व दवा छिड़काव के नाम पर चुप्पी साधे” है। अधिकारियों के बंगलों तक धुआं उड़ाकर फॉगिंग की औपचारिकता पूरी कर ली जाती है।
नगर क्षेत्र में करीब सवा दो लाख की आबादी करीब 31 वार्डों में रहती है। लेकिन स्वास्थ विभाग का तो “यही राग अलापना महशूस हो रहा है की मच्छर भी रहेगा और मलेरिया डेंगू” भी रहेगा।
शहर के मोहल्ला केवटरा भवानी पुरी कालोनी,सेढ़ू तलैया, परशुराम तालाब, सर्वोदय नगर, कुशवाहा नगर,अतर्रा चुंगी, गुलाबबाग आदि वार्डों में मलेरिया का प्रकोप है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत सितंबर माह में पूरे शहर में फाॅगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव हो गयाऔर किसी को पता भी नहीं चला।ऐसा लगता है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिल श्रीवास्त का संचारी रोगो से दुरभिसंधि सी है?