उत्तर प्रदेशजीवन शैली

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने कुम्भकरण को पहुंचाया मोक्ष धाम

आगरा। आज की लीला के प्रारंभ में लक्ष्मण जी की मूर्छा से जागने के बाद दशानन के दरबार में खलबली मची हुई है। रावण को कुछ भी उपाय नहीं सूझ रहा है। रावण ने अपने सेनापति व अन्य पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया। अन्त में सबने यह निश्चित किया कि लंका में एक ही योद्धा है जो प्रभू श्री राम से मुद्ध कर सकते हैं। यह है महाराज कुम्भकरण। महाराज कुम्भकरण छ माह सोते है एवं 1 दिन जागते हैं। दशानन स्वयं कुम्भकरण के महल में जाते हैं। कुम्भकरण को जगाने के सारे प्रयास किये जाते है।

जब सारे प्रयास असफल हो जाते है तो महाराज रावण द्वारा कुम्भकरण को जगाया जाता है। कुम्भकरण को मदीमन्त करके युद्ध भूमि में भेजा जाता है। कुम्भकरण द्वारा भी दशानन को समझाया जाता है परन्तु उसका प्रयास भी असफल होता है। कुम्भकरण अकेले ही युद्ध भूमि में जाते हैं। विभीषण व कुम्भकरण में वार्तालाप होता है। कुम्भकरण द्वारा महाराज विभीषण से कहा जाता है आज तक लंका में कोई राजा देश दोही नहीं कहलाया लेकिन आज से महाराज विभीषण आप देशद्रोही कहलाओगे।

महाराज कुम्भकरण द्वारा विषीषण को अपने हाथ पर उठा लिया जाता है और समझाया जाता है कि शत्रु के साथ मिलकर तुमने अच्छा नहीं किया। अन्त में विभीषण से कहते है कि सामने से हठो अब मुझे कंगल युद्ध व शत्रु दिख रहे हैं तथा मुझे अपनी पूर्ण भविष्यवाणी याद आ रही है कि लंका समाप्त होने वाली है तथा महाराज दशानन का अंत आ गया है।

कुम्भकरण व राम में घनघोर युद्ध होता है। कुम्भकरण पर सारे वार असफल होते हैं। देवतागण विचलित होते हैं तभी प्रभू श्री राम द्वारा कुम्भकरण पर वाण का संहार किया जाता है। कुम्भकरण का शीश बढ़ से अलग हो जाता है और समुद्र में गिरता है। कुम्भकरण के घड़ के नीचे सारी सेना वीरगति को प्राप्त हो जाती है। प्रभू श्री राम द्वारा कुम्भकरण का उद्धार करके कुम्भकरण को अपने श्रीधाम पहुंचाया जाता है। लीला के अन्त में कुम्भकरण के लगभग 40 फुट लम्बे पुतले का आतिशबाजी के साथ दहन किया गया।

लीला की शुभारम्भ की आरती नवरात्रि के पावन पर्व पर रामलीला मैदान आगरा पर आर एस एस के विभाग प्रचारक श्री आनन्द जी तथा विधायक श्री पुरुषोतम खण्डेलवाल जी द्वारा की गयी।

इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल महामंत्री राजीव अग्रवाल भगवान दास बंसल, विष्णु दयाल बंसल, ताराचंद विनोद जौहरी मुकेश जौहरी अशोक राठी प्रवीन गर्ग, प्रवीन स्वरुप महेश चन्द, दिलीप कुमार अग्रवाल  मनोज कुमार अग्रवाल श्री रजत बंसल, मनीष शर्मा ,शैलेंद्र अग्रवाल , निक्की जीहरी व राहुल गौतम मुख्य रूप से उपस्थित थे।