उत्तर प्रदेश

प्रो मनोज रावत बने मेरठ कॉलेज के प्राचार्य

आगरा। आगरा कॉलेज, आगरा के पूर्व प्राचार्य एवं रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो मनोज कुमार रावत ने मेरठ कॉलेज, मेरठ के प्राचार्य के रूप में आज कार्यभार ग्रहण कर लिया।

ज्ञात हो कि प्रो मनोज कुमार रावत वर्ष 2009 में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग के प्राचार्य की सूची में चयनित होकर आगरा कॉलेज के प्राचार्य के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। उसके बाद अगस्त 2016 को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के कारण प्रदेश के सभी चयनित प्राचार्य को अपने पद से हटना पड़ा था।
प्रो रावत का उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग, प्रयागराज द्वारा वर्ष 2021 में प्राचार्यों की सूची में चयन हुआ था। अभी हाल ही में उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज द्वारा उनकी आसन व्यवस्था मेरठ कॉलेज, मेरठ में कर दी गई। इसी के क्रम में प्रो मनोज कुमार रावत को मेरठ कॉलेज की प्रबंध समिति के अध्यक्ष डा ओपी अग्रवाल एवं सचिव विवेक कुमार गर्ग ने प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण कराया।
इस अवसर पर नवनियुक्त प्रचार्य प्रो मनोज कुमार रावत ने अपनी प्राथमिकताओं को बताते हुए कहा कि मेरठ कॉलेज 130 साल से भी अधिक पुराना महाविद्यालय है। इसकी प्रतिष्ठा के अनुरूप ही महाविद्यालय परिवार के सभी घटकों को साथ लेकर महाविद्यालय में शैक्षिक वातावरण बनाने की दिशा में प्रयास करेंगे। डॉ. रावत मेरठ कॉलेज को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस दौरान उनके साथ आगरा से जाने वाले वालों में प्रो दीपा रावत, प्रो केपी तिवारी, प्रो अमित अग्रवाल, डा शैलेंद्र कुमार, चेतन गौतम आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

प्रो रावत, जिनका शिक्षण और प्रशासनिक अनुभव 33 वर्षों से अधिक का है, आगरा कॉलेज में 17 जनवरी 2009 से 10 अगस्त 2016 तक प्राचार्य के रूप में कार्य किया, जहां उनके नेतृत्व में कॉलेज को NAAC द्वारा ‘A’ ग्रेड और | UGC से CPE मान्यता प्राप्त हुई।
डॉ. रावत के नेतृत्व में आगरा कॉलेज में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए, जैसे कि नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत, उच्च स्तरीय लैब्स और स्मार्ट कक्षाओं का निर्माण, और डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना। साथ ही, उन्होंने छात्रों के लिए विभिन्न रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए और खेल सुविधाओं में भी सुधार किया। उन्होंने कई प्रमुख अनुसंधान परियोजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया है।
प्रो. रावत ने रसायन शास्त्र में डी.एससी. की उपाधि प्राप्त की है और उनके निर्देशन में कई छात्र पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें ‘युवा वैज्ञानिक पुरस्कार’ (1996) और ‘राष्ट्रपति प्रशंसा पुरस्कार’ (2016) जैसे कई सम्मान मिले हैं। वह सामाजिक दृष्टि से भारत विकास परिषद, भारतीय शिक्षण मंडल, आईसीसी और विज्ञान भारती जैसे संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।