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रामलीला में श्रीराम के अनुज लक्ष्मण ने किया मेघनाद का वध

आगरा। रामलीला मैदान है। दशकों से खचा खच भरा हुआ है एक ओर राम दरबार सजा है दूसरी ओर रावण की लंका बनी है आज की लीला के प्रारंभ में शानदार महाराज कुम्भकरण भूतिरगत  प्राप्त होने का समाचार जाता है। महाराज रामण कुम्भकरण की बारे जाने की बरसे विवरिया ही जाते है। प्रिय पुत्र इन्द्रायुद्ध की जानकारी लेते हैं और अपने द्विय अपने की युद्धभूमि युद्ध के लिये जाने का आदेश देते हैं।

मेघनाद युद्ध में आकर जी को युद्ध के लिये करता है। कुद्ध की कार सुनकर और आनण हराम के साथ युद्ध भूमि में आते है। इन्द्रजीत नागाश का वार करता है। नागपाश के वार में जनयन्तीको एकर सब बंथ जाते है। जामवन्त जी गफ जी को लेकर आते हैं। गरूड जी द्वारा नागपाश को काटा जाता है और रामदल की मुक्त कराया जाता है। दोनों ओर से घनघोर युद्ध डोता है। राम यल द्वारा पाथियों के नाश को अधर्म के विनाश करे राम जी सेना चली का उद्‌घोष किया जाता है तथा दशानन की सेना द्वारा दशानन की जय का उद्धीष किया जाता है।

लक्ष्मण  द्वारा नेघनाद को पुद्ध के लिए ललकारा जाता है। मेघनाद अपनी कुलदेवी निम्बला का पड़ा करता है। तभी महाराज विभीषण द्वारा बताया जाता है कि यदि संघनाद द्वारा अपनी कुल देवी को मना लिया जी, हनुमान। वानर सेना के साथ कुल देवी का मक्ष किवम जनने के के लिये जाते हैं। इन्द्रजीत द्वारा विभीषण कता जाता है कि काका राष्ट्र बोही कुल डोही तो सुनेपरोही नहीं सुना था। आपको कहलायेंगे। करने पर उनसे युद्ध करता है।

दौनी और से घनघोर युद्ध होता है। समसा देवासे युद्ध देख रहे होते हैं। महासग्राम महासधाम जी ध्वनि होती है। दोनों बोया एक दूसरे से कम नहीं है। जीजी को भीमण जी द्वारा प्रभू श्री राम को सामने इस बाण से धनाद का संहार होगा। तभी जी द्वारा बाण का वार किया जाता है और नाकाहार होता है। संका में नेपनाद की भुजा गिरती है और भुजा द्वारा लिखा जाता है कि सुचना तुन्हारे पिता द्वारा मेरा पर किया गया है। मेरा शीश रामदान में है।

राजकुमारी सुलोचना द्वारा विलाप करते हुए रामदल में इन्द्रजीत का मस्तक लेने के लिए जाना होता श्री राम द्वारा सती सुलोचना की साधुवाद कहते हुए युवराज मेघनाद को मस्तिष्क दिया जाता है। तभी सती सुलोचना लंका की और लौटती है। इसके बाद रामलीला मैदान पर यूवराज इन्द्रजीत का 90 फुट लम्बा विशाल पुतले का दहन किया जाता है जिसमें आतिशबाजी भी लगी है।

मैदान में मेघनाद के वध कथके बाद दर्शकों के लिये रामलीला कमेटी द्वारा आतिशबाजी का भी आयोजन किया गया आकीकेोके के हुई जिसे बाजी की सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगिता की गई। दर्शक आतिशबाजी का भरपूर सुपट उठा रहे हैं। स्कूली की छुट्टी होने के कारण बच्चों की संख्या अधिक है। बच्चे अपने माता-पिता के साथ लीला ब आतिशबाजी देखने जाये हुए है। आर्यास्तान भी की लीला में जागराजार्थी के एकमाण्

रामानुज कां रामु कर्ड, अस कहि छांडेसि प्रान। धन्य धन्य राक जननी, कह अंगद हनुान।।


इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोतम खंडल महामंत्री राजीव अग्रवाल दी एन अग्रवाल, श्री भगवान दास बंसल विजय प्रकाश गोयल, प्रवीन स्वरूप राकेश जैन श्री विष्णु दयान मल श्री वाराचर विनोद जौहरी प्रवीन गर्ग, महेश चन्द, श्री दिलीप कुमार अग्रवाल श्री मनोज कुमार आवान श्री रजत बसल श्री मनीष शर्मा श्री शैलेंद्र अग्रवाल श्री निक्की जौहरी राहुल गौतम मुख्य रूप से उपस्थित थे।