उत्तर प्रदेशजीवन शैली

मृतक आश्रित को अनुकम्पा के आधार पर सेवानियोजित करना मृतक आश्रित का अधिकार ही नहीं बल्कि हमारा कर्तव्य- सभापति

उ0प्र0 विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलम्ब जांच समिति के सभापति की अध्यक्षता में सेवानिवृत्ति देयकों आदि के सम्बन्ध में सदन का हुआ आयोजन

जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी सेवानिवृत्ति देयकों आदि के सम्बन्ध में त्रैमासिक बैठक करें आयोजित- सभापति

सेवानिवृत्त कार्मिक भी हमारे परिवार का हिस्सा रहा है, सभी अधिकारी मानवता की भावना को सर्वोपरि रखते हुए उनके देयकों का शीघ्र करें भुगतान- सभापति

आगरा। उ0प्र0 विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलम्ब जांच समिति के सभापति पवन कुमार जी की अध्यक्षता में जनपद आगरा एवं जनपद फिरोजाबाद के सेवानिवृत्ति देयकों आदि के सम्बन्ध में नवीन सर्किट हाउस सभागार में सदन का आयोजन किया गया।सदन में विभिन्न विभागों के सेवानिवृत्त कार्मिकों के पेंशन, राशिकरण, अवकाश नकदीकरण, सामूहिक बीमा निधि के साथ-साथ मृतक आश्रित की नियुक्ति के सम्बन्ध में विभागवार परिचर्चा की गई।

सदन में सर्वप्रथम लो0नि0वि0 में कार्यरत स्वर्गीय ओमकार सिंह अवर अभियंता के सेवानिवृत्ति देयकों तथा पेंशन पर चर्चा की गई, चर्चा में लो0नि0वि0 के अधिशासी अभियंता आर0एस0 वर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि  सिंह एटा जनपद से वर्ष 2010 में सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसके कारण उनके सेवानिवृत्त देयकों व पेंशन का भुगतान लम्बित है। भुगतान हेतु प्रांतीय खण्ड लो0नि0वि0 एटा को लगातार पत्राचार किया जा रहा है, परन्तु अभी तक कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है। उक्त के सम्बन्ध में सभापति द्वारा निर्देश दिए गये कि स्वयं व्यक्तिगत प्रयास करते हुए एक सप्ताह में प्रकरण का निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित करें तथा जिलाधिकारी भी इस प्रकरण का संज्ञान लें।


सदन में 01 जनवरी 2020 से 31 दिसम्बर 2023 के मध्य सेवानिवृत्त हुए कार्मिकों के पेंशन, ग्रेच्युटी, बीमा आदि देयकों के भुगतान की चर्चा में बताया गया कि कुल 19 प्रकरण लम्बित हैं, जिसमें जिला विकास अधिकारी कार्यालय के 02, पशुधन विभाग के 01, पंचायती राज विभाग के 01, वन विभाग के 02, समाज कल्याण विकास विभाग के 01, लो0नि0वि0 पीएमजीएसवाई के 02, अधीक्षक उद्यान के 02, बेसिक शिक्षा के 02, उपायुक्त उद्योग के 02 तथा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के 04 प्रकरण लम्बित हैं।

जिस पर विस्तार से चर्चा करते हुए सभापति द्वारा निर्देश दिए गये कि सभी प्रकरणों का निस्तारण कराते हुए एक माह के अन्दर सभापति महोदय के साथ-साथ सदस्यगणों को भी निस्तारण आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने विशेषकर बेसिक शिक्षा विभाग का संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह स्वयं प्रकरणों में व्यक्तिगत रूचि लेते हुए प्रकरण का निस्तारण कराना सुनिश्चित करें।


सदन में 01 जनवरी 2020 से 31 दिसम्बर 2023 के मध्य मृतक कार्मिकों के आश्रितों को सेवायोजित करने की चर्चा में बताया गया कि कुल 15 प्रकरण लम्बित हैं, जिसमें जिला विकास अधिकारी कार्यालय में 01, पशुधन विभाग में 01, विशेष भूमि अध्यापित कार्यालय में 01, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय में 01, दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय में 01, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन में 01, वन विभाग में 02, उप निदेशक उद्यान कार्यालय में 01, जल निगम नगरीय में 02, प्रांतीय खण्ड लो0नि0वि0 में 01, बेसिक शिक्षा में 01, ग्रामीण अभियंत्रण में 01 तथा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 01 प्रकरण लम्बित हैं।

उक्त के सम्बन्ध में सभापति महोदय द्वारा कहा गया कि मृतक आश्रित को अनुकम्पा के आधार पर सेवानियोजित करना मृतक आश्रित का अधिकार ही नहीं बल्कि हमारा कर्तव्य भी है और यह मानवता का सिद्धान्त भी है। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त प्रकरणों का निस्तारण न्यायोचित ढंग से एक माह के अन्दर कराना सुनिश्चित करें।


सदन में सामान्य भविष्य निधि के लम्बित भुगतान की चर्चा में बताया गया कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग, पशुधन विभाग, पंचायती राज विभाग, समाज कल्याण विकास, राजकीय पालीटेक्निक, प्रांतीय खण्ड लो0नि0वि0, लो0नि0वि0 पीएमजीएसवाई तथा उप निदेशक कृषि के 01-01, वन विभाग, उपायुक्त उद्योग व बेसिक शिक्षा के 02-02, ग्रामीण अभियंत्रण के 03, जिला विकास अधिकारी कार्यालय के 04 तथा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 05 प्रकरण लम्बित हैं, उक्त के सम्बन्ध में बताया गया कि लम्बित प्रकरणों में अधिकांश को 90 प्रतिशत का भुगतान कर दिया गया है तथा शेष 10 प्रतिशत के भुगतान हेतु महालेखाकार कार्यालय को संस्तुति के लिए प्रकरण प्रेषित कर दिया गया है।

जो अभी लम्बित हैं। सदन को यह भी अवगत कराया गया कि कुछ प्रकरणों में न्यायालयों में वाद योजित होने के कारण देयकों के भुगतान लम्बित हैं। जिस पर सभापति महोदय द्वारा निर्देश दिए गये कि लम्बित प्रकरणों में स्वयं व्यक्तिगत रूचि लेते हुए एक सप्ताह के अन्दर सभी सम्बन्धित अधिकारी भुगतान कराना सुनिश्चित करें।


सदन को अवगत कराया गया कि वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन के विगत 03 वर्षों से कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं है। जनपद में बिजली, पानी से सम्बन्धित कोई भी विकास कार्य स्वीकृति मिलने के उपरांत एक वर्ष से अधिक लम्बित नहीं है। सदन को यह भी अवगत कराया गया कि विगत 01 वर्ष से अधिक समय से आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा भवनों के मानचित्र की स्वीकृति तथा भूमि सिलिंग सम्बन्धित प्रमाण पत्र लम्बित नहीं है।


सभापति द्वारा सदन को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि सेवानिवृत्त कार्मिक भी हमारे परिवार का हिस्सा रहा है, जो आज अपने देयकों के लिए परेशान हैं, अतः सभी अधिकारी मानवता की भावना को सर्वोपरि रखते हुए उनके देयकों का भुगतान जल्द से जल्द कराने का प्रयास करें, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसी प्रकार मृतक आश्रित को भी यथासंभव व्यक्तिगत प्रयास करते हुए शघ्रातिशीघ्र सेवायोजित करना सुनिश्चित करें, जिससे मृतक आश्रित अपने कुटुम्ब के भरण पोषण के साथ-साथ अन्य सुविधाओं का भी उपभोग कर सकें।

सभापति द्वारा जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी जनपद आगरा व फिरोजाबाद को निर्देश दिए गये कि वह त्रैमासिक बैठक आयोजित कर प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए ससमय निस्तारण कराना सुनिश्चित करें, मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभापति महोदय को आस्वश्त किया गया कि उनके द्वारा दिये गये सुझावों एवं निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा तथा उन्होंने सभापति महोदय एवं गणमान्य सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सदन समाप्ति की घोषणा की।


सदन में कार्यवाही के दौरान समिति के सदस्यगण उमेश द्विवेदी, कुँवर महाराज सिंह, अरूण पाठक, डा0 के0पी0 श्रीवास्तव एवं विक्रान्त सिंह उर्फ रिशु, विधायक डा0 जी0एस0 धर्मेंश, एमएलसी विजय शिवहरे, जिलाधिकारी, आगरा अरविन्द मल्लप्पा बंगारी, जिलाधिकारी फिरोजाबाद श्री रमेश रंजन, मुख्य विकास अधिकारी, आगरा प्रतिभा सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, फिरोजाबाद शत्रोहन वैश्य सहित सम्बन्धित विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।