उत्तर प्रदेश

नोटरी पब्लिक विवाह और तलाक के अनुबंध पत्र / इकरारनामा को अब प्रमाणित नहीं कर सकेंगे

आगरा I फर्जी विवाह और तलाक के मामलों को रोकने के लिए भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय ने आदेश जारी किए हैं l जिससे देश भर के नोटरी पब्लिक अधिवक्ता विवाह एवं तलाक के इकरारनामा /विवाह अनुबंध पत्र व शपथ पत्रों को तस्दीक नहीं कर सकेंगेl भारत सरकार के विधि एवं न्याय विभाग( राजकीय बाद करण) नई दिल्ली के उप सचिव राजीव कुमार ने संपूर्ण भारत में नोटरी पब्लिक का कार्य संपादित करने वाले अधिवक्ताओं को निर्देश जारी किए हैंl

राजीव कुमार ने जारी अपने आदेश में स्पष्ट किया गया है की नोटरी अधिनियम 1952 की धारा 8 तथा नॉटी अधिनियम 1956 की धारा 11 धारा 8 के अनुसार नोटरी पब्लिक अधिवक्ता विवाह एवं विवाह- विच्छेद( तलाक) के अनुबंध पत्र एवं शपथ पत्रों को निष्पादित नहीं कर सकता हैl इस अधिनियम के तहत नोटरी पब्लिक प्रमाण पत्र भी जारी नहीं कर सकता है यह कार्य नोटरी पब्लिक के कर्तव्य में नहीं आता है और ना ही नोटरी पब्लिक शपथ पत्र अथवा अनुबंध पत्र पर चश्मा फोटो प्रमाणित कर सकता है l श्री राजीव कुमार के अनुसार आदेश पारित होने के बाद कोई नोटरी पब्लिक अधिवक्ता यह कार्य करता है तो उसके नोटिस पब्लिक के व्यवसाय प्रमाण पत्र को निरस्त कर उसके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी तथा उसका लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा l
उक्त आदेश में स्पष्ट किया है कि नॉटी अधिवक्ता विवाह या तलाक के शपथ पत्रों को नोटरी कृत करने के लिए अधिकृत नहीं है करते हैं वह ना विवाह को प्रमाणित करने के लिए अधिकृत हैं और ना ही तलाक के अभिलेख को निष्पादित करने के लिए अधिकृत व्यक्ति नहीं है उनको मंत्रालय द्वारा विवाह अधिकारी के रूप में नियुक्त नहीं किया गया है राजीव कुमार ने अपने आदेश में उड़ीसा उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 14 /9/ 2023 एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 31 /12/ 2020 एवं 30 /4 /2021 का हवाला दिया है उन्होंने बताया कि उड़ीसा व मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से मना है कि नोटरी पब्लिक अधिवक्ता को विवाह अधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता इसलिए वे विवाह एवं तलाक संबंधी अभिलेखों को प्रमाणित नहीं कर सकते और ना ही इस प्रकार के कोई कार्य करने के अधिकारी हैं  राजीव कुमार द्वारा दिनांक 10 अक्टूबर 2024 को जारी अपने आदेश में स्टेप स्पष्ट रूप से कहा है की नोटरी अधिनियम 1952 की धारा 8 एवं नोटरी अधिनियम 1956 के नियम 11 के उप नियम 8 में स्पष्ट है कि नोटरी अधिवक्ता के कार्यों में विवाह अनुबंध पत्र एवं तलाक संबंधी कार्य नहीं आता यदि कोई नौकरी पब्लिक अधिवक्ता अब विवाह अनुबंध पत्र/ इकरारनामा एवं तलाक का अनुबंध पत्र प्रमाणित करता है तो उसका नोटरी पब्लिक व्यवसाय का प्रमाण पत्र( लाइसेंस) रद्द कर दिया जाएगा .

उक्त आदेश के प्रपालन में नोटरी पब्लिक अधिवक्ता संगठन के प्रदेश महासचिव  पवन कुमार शर्मा एडवोकेट ने उत्तर प्रदेश के सभी नोटरी पब्लिक अधिवक्ताओं को भविष्य में विवाह एवं तलाक अनुबंध पत्र को परमार्थ न किए जाने की अपील की है