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विश्व भूख सूचकांक में भारत का निम्न स्तर पर रहना चिंता का विषय – राजनीतिक इच्छा शक्ति एवं समेकित प्रयास जरूरी : डॉ फारूक अली


भागलपुर: विश्व खाद्य दिवस के उपलक्ष्य में एक दिवसीय सेमिनार सह वेबीनार संयुक्त रूप से भारतीय पोषण संघ के भागलपुर चैप्टर, गृह विज्ञान फूड न्यूट्रिशन ,टी एम बी यू भागलपुर एवं सफाली संस्थान भागलपुर द्वारा आयोजित किया गया। सेमिनार में अतिथियों का स्वागत गृह विज्ञान की छात्रा निधि कुमारी के स्वागत गान से हुआ तदोपरांत ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री द्वारा सभी आगत अतिथियों एवं लिंक से जुड़े हुए महानुभव का स्वागत किया। जिसमें उन्होंने भारत को अग्रणीय बनाने के लिए सबों का आह्वान किया। तत्पश्चात प्रो डॉ फारूक अली पूर्व कुलपति जेपीयू छपरा एवं संयोजक भागलपुर चैप्टर एन एस आई ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि CWW एवं WHH के द्वारा जो वैश्विक भूख सूचकांक एवं ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया जाता है उसमें कोई भेदभाव नहीं होता है और यह संस्थान वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही है अतः हमें अपनी प्राथमिकता तय करनी होगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण को प्राथमिकता देनी होगी। आज भारत अन्य उत्पादन में अग्रणी है कई क्रांतियां यहां सफल हुई है जिसमें ग्रीन, ब्लू, श्वेत, येलो आदि सतरंगी है। किंतु अनाजों का विपणन, उनका भंडारण, उनका वितरण और उपलब्धता सुनिश्चित करना शासन की जिम्मेदारी है। भारत लगातार 2014 से में गिरावट महसूस कर रहा है इसको रोकना हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है। 2014 में जहां 54 था वही 2024 में 105 है। हमारे पड़ोसी राष्ट्रीय श्रीलंका 56, नेपाल 68, बांग्लादेश 84 एवं पाकिस्तान 109 है। हमें अपने कार्य प्रणाली में सुधार लाना होगा। जो पैमाने हैं उन पैमानों में कुपोषण, बच्चों में बौनापन, उनका कमजोर होना और 5 साल के उम्र के पहले मरना आधार होता है। इन बिंदुओं पर निष्ठापूर्वक कार्य कर हम बेहतर हो सकते हैं। सिर्फ समेकन की आवश्यकता है।


वहीं मुख्य वक्ता मो इंतखाबूर रहमान विभागीय अध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग बीएन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा ने उद्घाटन भाषण में चर्चा करते हुए कहा कि भोजन से मानसिक, शारीरिक एवं नैतिक विकास होता है। भोजन की कमी हिंसक प्रवृत्ति को बढ़ावा देता है जो विश्व के स्तर पर युद्ध के क्षेत्र में दिखता है।

वही डॉ आंचल सिंह गृह विज्ञान विभाग जेपी महिला कॉलेज छपरा जेपी यूनिवर्सिटी छपरा ने भविष्य के भोजन का आकलन प्रस्तुत किया जो क्लाइमेट के चेंज से जलवायु परिवर्तन से प्रभावित नहीं होगा उन्होंने कल्टीवेटेड बनाम कल्चरड फूड की चर्चा व्यापकता से की।
डॉ शेफाली विभागाध्यक्ष सह भागलपुर चैप्टर एन एस आई की को कन्वीनर ने विकसित भारत को प्राप्त करने के लिए भोजन और पोषण स्तर में व्यापक कार्य करने पर बल दिया और हो रहे कार्यों में तेजी लाने की बात कही। सभी को पर्याप्त भोजन मिले इस पर उन्होंने बल दिया।
डॉ आलोका कुमारी वनस्पति विज्ञान विभाग मारवाड़ी कॉलेज ने भोजन एवं पोषण में केयरिंग एवं शेयरिंग पर बल दिया। कोई खा खा के परेशान है, कोई खाने को परेशान है। इस खाई को भरने पर बल दिया
ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री गुलअफशा परवीन ने जागरूकता, ज्ञान और तकनीक में भारत बहुत पीछे है। भारत GHI में नीचे बने रहना इन तीनों की खामी को दर्शाता है। हमें विभिन्न इकाइयों एवं योजनाओं में तालमेल बढ़ाना होगा तभी भुखमरी, कुपोषण से मुक्ति पा सकते है।
विजयालक्ष्मी ने कृषि संगठित एवं संरक्षित करने पर बल दिया। डिब्बा बंद भोजन से परहेज करना चाहिए।
मुख्य अतिथि इंजीनियर मो इस्लाम एजुकेशन कमिटी के अध्यक्ष ने रिपोर्ट पर विश्लेषण करने की बात कही। क्यों लगातार भारत प्रगति के बावजूद जी एच आई में निचले पायदान पर है। उन्होंने अमीरी और गरीबी की खाई को पाटने की बात कही ।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ रेनू रानी जायसवाल पूर्व विभागाध्यक्ष गृह विज्ञान विभाग टी एम बी यू भागलपुर ने प्रबंधन को मुख्य समस्या बताया। उन्होंने इस और शासन का ध्यान आकर्षित किया। छपरा, मधेपुरा, पटना, झारखंड मुंगेर एवं भागलपुर के लगभग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन जुड़े 100 भागीदारों को धन्यवाद दिया। जिसमें प्रमुख नाम डॉ शाहिद रजा जमाल, विश्वविद्यालय उर्दू विभाग, अध्यक्ष, मुंगेर विश्वविद्यालय, शबाना मलिक, डॉ काजल कुमारी, डॉक्टर आनंद कुमार सिंह, मौसम कुमारी, डॉ बासुकीनाथ, रिचा चौधरी, डॉ कुसुम कुमारी, बेबी तूलिका, डॉ सुधांशु शेखर, डॉ अर्पणा कुमारी, डॉ कौशल किशोर, डॉ अमरिंदर कुमार, डॉ श्रुति कुमारी, डॉ यासमीन रशीदी, काजल भारती, श्वेता राकेश, सुभाष कुमार, रोजी राज, ज्योति प्रकाश, सुप्रिया रानी, शिवानी कुमारी, जॉली कुमारी, सोनी कुमारी,सपना कुमारी, राखी कुमारी,मो दानिश, सत्यम कुमार, राधिका, भावना, शांति कुमारी मो आसिफ आदि प्रमुख है।