आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में एक बार फिर दबंगों का तांडव देखने को मिला है। आगरा जिले का दबंग सुनील राजपूत और उसके भाई आनंद राजपूत पर पुलिस के संरक्षण में बोदला निवासी अवधेश अग्रवाल की जमीन पर जबरन कब्जा करने के आरोप लगे हैं। यह घटना सिकंदरा क्षेत्र के क्रॉस मोल रोड पर हुई, जहां भू-माफियाओं ने मिलकर अवधेश को उसकी सन 2000 में खरीदी जमीन से बेदखल कर दिया।
पीड़ित का आरोप है कि 28 सितंबर, 2024 को सुबह 5 बजे करीब 200-250 लोग हथियारों के साथ आए और उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया। जब उसने विरोध किया तो उसके दस्तावेज छीन लिए गए और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। थाना प्रभारी सिकंदरा, नीरज शर्मा ने पीड़ित को 5 घंटे तक थाने में बैठाकर गुमराह किया।
पुलिस की मिलीभगत
पीड़ित के अनुसार उसके पास पुलिस थाने में अपनी बात रखते हुए ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है जिसमें साफ तौर पर सुना जा सकता है कि उसने थाना प्रभारी से अपनी जमीन पर हो रहे कब्जे के बारे में शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित ने बताया कि उसने पुलिस उपायुक्त (नगर) से भी शिकायत की थी लेकिन उन्हें आश्वासन देकर टाल दिया गया। बाद में पुलिस आयुक्त ( नगर ) बताया कि उन्हें ऊपर से फोन आया है और वह अब इस मामले में कुछ नही कर सकते हैं ।
राजनीतिक संरक्षण
पीड़ित को शक है कि सुनील राजपूत बीजेपी से जुड़ा है और उसके किसी केंद्रीय मंत्री से संबंध होने के कारण पुलिस उसके दबाव में काम कर रही है। पीड़ित का आरोप है कि सुनील राजपूत और उसके भाई उसे एससी-एसटी एक्ट के तहत फंसाने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सुनील राजपूत के पास एक फर्जी वसीयतनामा है जिसके आधार पर वह जमीन पर कब्जा करने का दावा कर रहा है।
प्रशासन की नाकामी
इस पूरे मामले में प्रशासन की नाकामी साफ तौर पर दिख रही है। पुलिस ने दबंगों के दबाव में आकर एक निर्दोष व्यक्ति के साथ अन्याय किया है। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में दबंगों का बोलबाला है और आम लोगों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
पीड़ित की मांग
पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। उसने मांग की है कि उसकी जमीन से कब्जा हटाया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
वहीं इस घटना से सवाल उठ रहे कि
क्या उत्तर प्रदेश में कानून सिर्फ आम लोगों के लिए है या सिर्फ दबंगों के लिए नही?
पुलिस का काम लोगों की सुरक्षा करना है या दबंगों के आदेशों का पालन करना?
क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में कोई कार्रवाई करेंगे?
यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में दबंगों का बोलबाला है और आम लोगों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।