आगरा। करवा चौथ सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को मनाया जाता है। इस पर्व पर सुहागिन स्त्रियाँ पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं और शाम को चंद्रमा दर्शन के उपरांत भोजन करती हैं।
भारत में करवा चौथ को मुख्य रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में मनाया जाता है। इस पर्व में सरगी का भी विशेष महत्व है। कहते हैं कि सरगी खाने के बाद ही व्रत की शुरुआत होती है, जिसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ पर पूरे सोलह श्रृंगार के साथ पूजा में बैठना चाहिए। इससे भाग्य में वृद्धि और सदा सौभाग्यवती भव का आशीर्वाद मिलता है। हालांकि साड़ी राशि के अनुसार पहनने से पति की तरक्की के योग बनते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किस राशि की महिला को कौन से रंग की साड़ी पहननी चाहिए।
पूजन का मंत्र
पूजन हेतु निम्न मंत्र बोले जाते है: ‘ॐ शिवायै नमः’, ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ षण्मुखाय नमः’ (स्वामी कार्तिकेय के लिए), ‘ॐ गणेशाय नमः’, ‘ॐ सोमाय नमः’ (चंद्रमा के लिए)।
करवा चौथ की पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट
शाम के वक्त महिलाएं अपनी सखी और पड़ोसी महिलाओं के साथ करवाचौथ के व्रत की पूजा करती हैं और अपनी-अपनी थाली सजाकर ले जाती हैं। इन चीजों को पूजा से पहले ही घर लाकर रख लें।करवा माता और गणेशजी की तस्वीर या मूर्ति
करवा माता की चुनरी, नए वस्त्र, गणेशजी और शंकरजी के नए वस्त्र मिट्टी का करवा, एक ढक्कन, एक थाल
इस बार विशेष फलदायी होगा करवाचौथ
इस बार करवाचौथ का व्रत और पूजन बहुत विशेष है। ज्योतिषों के मुताबिक इस बार 70 साल बाद करवाचौथ पर ऐसा योग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र और मंगल एक साथः इस बार रोहिणी नक्षत्र और मंगल का योग एक साथ आ रहा है। ज्योतिष के मुताबिक यह योग करवाचौथ को और अधिक मंगलकारी बना रहा है। इससे पूजन का फल हजारों गुना अधिक होगा।
पूजन का समय और शुभ मुहूर्त
व्रत की अवधि 13 घंटे 10 मिनट। करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 5.50 से 7.05 तक रहेगा। यह मुहूर्त करवा चौथ व्रत कथा पढ़ने या सुनने के लिए भी उत्तम रहेगा। करवा चौथ का चांद निकलने का समय 20 अक्तूबर 2024, रविवार को चंद्रोदय रविवार रात 07:56 बजे होगा
ये है पूजा सामग्री
चांद देखने के लिए छलनी, लकड़ी की चौकी सोलह श्रृंगार की समाग्री, कलश, दीपक, रूई की बाती कपूर, अगरबत्ती, गेहूं, लहुआ, 8 पूड़ियों की अठावरी अक्षत्, हल्दी, चंदन, फूल, पान का पत्ता, कच्चा दूध, दही पिसी शक्कर या बूरा, शहद, गाय का घी, रोली, कुमकुम मौली या कलावा, मिठाई, लोटा या गिलास, दक्षिणा के लिए रुपये करवा चौथ व्रत कथा और आरती की एक पुस्तक
थाली में क्या-क्या रखें करवाचौथ की पूजा की थाली को सजाने के लिए उसमें करवा, छलनी, दीपक, सिन्दूर, पानी का लोटा, मिट्टी की 5 डेलियां, कांस की सींकें और मिठाई।
राशि के अनुसार पहनें साड़ी
मेष राशि
मेष राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर लाल रंग की साड़ी पहननी चाहिए। ये रंग उनके लिए अति शुभ है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि की महिलाएं सिल्वर रंग की साड़ी पहन सकती है। आप चाहें, तो इस रंग की चूड़ी भी पहन सकती हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि की सुहागिन महिलाएं हरे रंग की साड़ी पहनें। इससे भाग्य में वृद्धि होगी।
कर्क राशि
कर्क राशि की महिलाएं लाल रंग की साड़ी पहनें। इसके साथ आप रंग-बिरंगी चूड़ियां भी पहन सकती है। इसे बहुत शुभ माना जाता है।
सिंह राशि
सिंह राशि की महिलाएं लाल, नारंगी, गुलाबी या गोल्डन रंग की साड़ी पहनें। इससे रिश्ते में मिठास बनी रहेगी।
कन्या राशि
कन्या राशि की महिलाएं गोल्डन रंग की साड़ी, सूट या लहंगा पहनकर करवा माता की पूजा करें। ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
तुला राशि
इस राशि की महिलाएं सिल्वर या गोल्डन रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनकर पूजा करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि की महिलाएं मेहरून रंग की साड़ी और लाल रंग की चूड़ी पहनें।
धनु राशि
धनु राशि की महिलाओं के लिए पीले रंग की साड़ी शुभ रहेगी। आप इसपर आसमानी रंग की चूड़ी पहनकर पूजा करें।
मकर राशि
इस दौरान आप नीले रंग की साड़ी पहनें। इससे आपके वैवाहिक जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि की महिलाएं सिल्वर रंग की साड़ी पहन सकती है। इससे पूजा का संपूर्ण फल मिलेगा।
मीन राशि
मीन राशि महिलाएं आसमानी रंग की साड़ी पहनकर माता की पूजा करें। ऐसा करना शुभ है। आप इस रंग की चूड़ी भी पहन सकती हैं।
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