उत्तर प्रदेशजीवन शैली

चित्रकूट मंडल का कैसे हो विकास कार्य ? जब “समीक्षा बैठकें धत्ततेरे” की हैं!


संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। कैसे हो विकास कार्य जब “समीक्षायें बैठक धत्ततेरे “की हो गई है। शासन से निर्देश मिलें की समीक्षा “बैठकों की खाना पूरी” हो जाती है। कोई “स्थलीय निरीक्षण करने नहीं होता”। यदि हुआ भी तो “संबंधित को पूर्व सूचना” दे दी जाती है। इसी क्रम में आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बालकृष्ण त्रिपाठी की अध्यक्षता में “समीक्षा का कथा पुराण” हुआ। “निर्देशों का शंखनाद” किया गया। मण्डलीय विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की “समीक्षा की औपचारिकता” पूरी की गई।


आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आईजीआरएस प्रकरणों का निस्तारण स्थलीय निरीक्षण करते हुए तथा शिकायतकर्ता से संम्पर्क करें। निस्तारण गुणवत्ता से हो। सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में भी गुणवत्ता का पाठ पढ़ाया।
इसी क्रम में नवम्बर माह में धान खरीद शुरू होने के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन करानें हेतु अभियान के अलावा शिक्षा ,स्वास्थ,जल योजनायें,गौ संरक्षण, नहरों की शिल्ट सफाई, सेतुओं के निर्माण,सड़कों की मरम्मत के अलावा कानून व्यवस्था में सतर्कता की “निर्देशों के क्रम में चोंचले बाजियां” हुई।


बैठक में जिलाधिकारी बाँदा नगेन्द्र प्रताप, जिलाधिकारी चित्रकूट शिवशरणअप्पा जीएन, जिलाधिकारी हमीरपुर घनश्याम, जिलाधिकारी महोबा, अपर आयुक्त प्रशासन अमर पाल सिंह, संयुक्त विकास आयुक्त यशवंत कुमार सिंह सहित मण्डल के समस्त मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा मण्डलीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।