संवाद/ विनोद मिश्रा
बांदा। जिले में खाद के लिये किसानों में हाहाकार एवं मारामारी की स्थिति हैं। जिला मुख्यालय की मंडी समिति में बुधवार को मार्मिक नजारा उत्पन्न था।यहां किसान खाद के लिये दो बजे रात से हजारों की संख्या में लाईन में लगें थे। इसमें पुरुष और महिलायें भी थीं। आपस में हीं धक्का -मुक्की एवं मारामारी का नजारा था। बुधवार को दोपहर 12 बजे तक सरकारी खाद विक्रय केंद्रों में ताले लटके रहे। भूखे -प्यासे किसानों की स्थिति विस्फोटक होने लगी। सूचना पर एसडीएम एवं पुलिस भी पहुंच गई ।
भारी मशक्कत के बीच किसी तरह वितरण कार्य शुरू कराने का प्रयास कराया गया।किसान बताते हैं की खाद के लिये अभूतपूर्व संकट है। रात्रि जागरण करना पड़ रहा है। यह स्थिति सरकार ,प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों के लिये बहुत हीं शर्मनाक है। अधिकांश किसान बेखौफ बोले जागो जिम्मेदारों जागो,अन्यथा किसानों की आह तुम सबको कहीं ले न डूबे।
वास्तव में जिले में खाद हासिल करना “लोहे के चने चबाना जैसा हो गयाहै । सरकार और प्रशासन चैन की बंसी बजा रहा है। आश्चर्य है की अभी तक इस समस्या के निदान में विपक्ष एवं सत्ता पक्ष के जन प्रतिनिधि मूकदर्शक की स्थिति में हैं।