संवाद/ शरद मिश्रा
बांदा। जनपद में शहर ही नहीं हाईवे की सड़कें भी बारिश में धुल गई हैं। इनमें बांदा-बबेरू-औगासी हाईवे भी शामिल है। पिछले वर्ष सिमौनीधाम मेले के पहले इस सड़क में करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च कर चौड़ीकरण कराया गया था। करीब सात माह में ही यह सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई। सड़क खराब होने से आए दिन लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं और जिम्मेदार बेफिक्र हैं।
कमीशनबाजी के चलते सड़कें एक साल तक भी नहीं चल पा रही हैं। पिछले वर्ष बांदा से बबेरू व औगासी होते हुए फतेहपुर जाने वाले हाईवे पर करीब ढाई करोड़ रुपये खर्च कर चौड़ीकरण व मरम्मत का कार्य कराया गया था। उस समय सिमौनीधाम मेला होने के कारण शासन व जिला प्रशासन के दबाव में सड़क में किसी तरह डामरीकरण करा दिया। यह सड़क सात माह का भी सफर पूरा नहीं कर पाई।
बांदा शहर के बाहर निकलते ही गड्ढों भरा सफर शुरू हो जाता है। यह बबेरू तक खत्म नहीं होता। कहीं-कहीं तो पांच से छह फीट लंबे-चौड़े गड्ढे हो गए हैं। इस मार्ग से रातोंदिन छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन होता है। सड़कों के गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। एक माह में करीब एक दर्जन हादसे हो चुके हैं। इसमें कई अपना हाथ पैर तुड़वा बैठे तो करीब तीन लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि सड़क में पैचिंग के लिए शासन से धनराशि की मांग की गई है। वर्षाकाल खत्म होते ही सड़क की पैचिंग कराई जाएगी।