उत्तर प्रदेशजीवन शैली

रूप चौदस पर श्रीवरद वल्लभा महागणपति ने अपने रूप दर्शन से भक्तों को किया निहाल

पंचोत्सव के दूसरे दिन स्वर्ण आभूषणाें संग कमरबंद धारण कर महागणपति ने दिए दर्शन
 मंदिर परिसर में संध्या आरती में सजीं दीप मालिकाएं, विशेष प्रसादी की गयी अर्पित
 गुरुवार को दीपावली पर सुबह होगा महाभिषेक और संध्या में महाआरती 
आगरा। मान्यता है कि यदि लक्ष्मी माता की कृपा चाहिए तो सर्वप्रथम प्रथम पूज्य गणेश जी को मनाएं। बुद्धि के दाता गणपति के आशीर्वाद से धन संचय का मार्ग प्रशस्त होता है और हर कार्य में मंगल की प्राप्ति होती है। रूप चौदस पर भक्तों को यह मार्ग सुझाया श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर के महंत लखन दीक्षित ने।
बुधवार को आगरा− छलेसर रोड स्थित श्रीवरद वल्लभा महागणपति मंदिर परिसर में रूप चौदस की धूम रही। मंदिर परिसर को रंग बिरंगी विद्य़ुत सज्जा से सजाया गया। सुबह मंगला आरती के साथ महागणपति जी ने स्वर्ण रूप से सज्जित हो दर्शन दिए। बैंगनी रंग की पोशाक और स्वर्ण आभूषकों से सज्जित महागणपति के मस्तक पर श्री का तिलक सुशाेभित हो रहा था। महागणपति का रूप देख भक्त देर रात तक निहाल होते रहे। छोटी दीपावली पर दीपदान की मान्यता के कारण प्रथम दीप महागणपति जी को अर्पित किया गया।
मंदिर प्रबंधक नितिन शर्मा ने बताया कि गुरुवार को 
दीपावली पर सुबह 6 बजे महाभिषेक होगा। सुबह 8:30 बजे से स्वर्ण दर्शन का लाभ भक्त पूरे दिन उठा सकेंगे। सुबह 10 बजे महागणपति हवन होगा। सायं 6 बजे मंदिर परिसर में दीपदान होगा। 5, 7, 11, 21 आदि संख्या में भक्त दीपदान करेंगे। पांच प्रकार से महाआरती होगी। मंदिर में क्योंकि प्रसादी बाहर की अर्पित नहीं होती इसलिए विशेष मोदक का भाेग प्रभु चरणाें में अर्पित होगा।