आगरा। रंगूराम धाम कैलाशपुरी पर बाबा रंगूराम साहिब के तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव के अंतिम दिन शनिवार को श्री अखंड पाठ साहिब जी का भोग के साथ कीर्तन दरबार गुरु रूप साध संगत ने गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे श्रद्धा भाव के साथ माथा टेक संतों की महिमा का वर्णन कीर्तन कथा द्वारा स्वामी गुरमुख दास उदासीन दास दीपक उदासीन जी के द्वारा सरवन किया शब्द: प्रभु जी तू मेरो साहिब दाता,, जीहे गुलनि जो राजा गुलाब आ मुहिंजो बाबा रंगू अहिडो बेमिसाल आ,,,, बाबा रंगूराम तुहिंजो दरु न छदिया,,,,, कलयुग में कीर्तन सत्संग प्रधाना की अमृत वर्षा में दूर दूर से आए गुरु प्यारो ने परिवार सहित अपना जीवन सफल किया।
पल्लव की अरदास तत्पश्चात सभी धर्म के लोगों ने गुरु का लंगर पायाकर गुरु का शुकराना किया व्यवस्था में मुख्य रूप से मौजूद रहे पंडित विष्णु शुक्ला,गुरु सेवक श्याम चांदनी भोजवानी, जयप्रकाश वर्षा धर्मानी,राजेश सिमरन लालवानी,अनिल शोभराज, ईश्वर दास मोहनानी, गुरमुख व्यानी,श्यामलाल कविता मोहनानी, नंदलाल सपना छत्तानी,हर्षित उदासीन,संजय सोनू नोतनानी, लक्ष्मण भावनानी, वर्षा गगवानी,राजेश करीरा,राजू भाई।