संवाद/ शरद मिश्रा
बांदा। पीडब्लूडी बहुत भाग्यवान है। कथित भ्रष्टाचार उसे सौभाग्यशाली बनाये है। बरसात नें इस विभाग की ऊपरी कमाई का रास्ता फिर बुलंद कर दिया है!अब “मलाई चाभो बाबाजी” की स्थिति है अब सौभाग्यशाली होने का रहस्य समझिये। मानसूनी मौसम में यहां कई इलाकों में आई बाढ़ और बारिश से सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। लोक पीडब्ल्यूडी के कथनानुसार 752 से अधिक सड़कों के चीथड़े उड़े हैं। मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए प्लान तैयार हो रहा है। मरम्मत के लिए शासन को 19.74 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। “मलाई बजट”आने कार्य होगा।
जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग हों या फिर स्टेट हाइवे अथवा जिला संपर्क मार्ग पूर्व में किये घाटिया निर्माण के चलते बारिश एवं बाढ़ में बर्बाद हो गये हैं। रायबरेली-टांडा मार्ग को लें तो यह तिंदवारी से लेकर बांदा तक कई जगह गड्ढे में तब्दील हो गई है। विभाग ने इसके मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। इसी तरह बांदा-हमीरपुर मार्ग, तिंदवारी से बबेरू, बिसंडा से सिंहपुर जाने वाली सड़क की भी यही हालत है।
इसके अलावा शहर में भी ज्यादातर सड़कें बारिश में बर्बाद हैं। लोक निर्माण विभाग की तैयार की गई रिपोर्ट में जनपद की विभिन्न प्रांतीय व जिला स्तरीय सड़कों के नुकसान का आंकलन किया गया है। इन सड़कों की कुल लंबाई 1896.37 किलोमीटर बताई गई है। बाढ़ और बारिश से पैलानी, जसपुरा, तिंदवारी, नरैनी, कमासिन, बबेरू, बदौसा इत्यादि क्षेत्रों में सड़कें ज्यादा क्षतिग्रस्त हुई हैं।