शिवहरे समाज ने आयोजित की काल को चूर करने वाले सम्राट सहस्त्रबाहु के जन्मोत्सव पर शाेभायात्रा
सुभाष पार्क से सदर भट्टी तक निकलीं एक दर्जन से अधिक सवारी, सहस्त्रबाहु की तस्वीर रथ पर विराजित
शहर में पहली बार किया गया धूमधाम से आयोजन, हर वर्ष भव्यता प्रदान करने का समाज ने लिया संकल्प
आगरा। जिसने रावण को पराजित कर दिया, काल काे भी चूर चूर कर दिया एेसे दिग्विजय सम्राट राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु के जन्मोत्सव को स्मरण, नमन किया शिवहरे कलचुरी समाज ने।
शुक्रवार को सम्राट सहस्त्रबाहु के जन्मोत्सव पर सुभाष पार्क से सदर भट्टी स्थित श्रीदाउ जी मंदिर तक भव्यता के साथ शाेभायात्रा निकाली गयी। शाेभायात्रा का आयोजन दाउजी मंदिर समिति, सदरभट्टी एवं राधा कृष्ण मंदिर समिति, आलमगंज लोहामंडी द्वारा शिवहरे समाज एकता परिषद, शिवहरे वाणी के सहायोग से किया गया। शाेभायात्रा की विशेषता रही कि पहली बार एमएलसी विजय शिवहरे के प्रयासों से सहस्त्रबाहुजी के वंशज कसेरा समाज ने सहस्त्रबाहु जी का डोला शिवहरे समाज की शाेभायात्रा में शामिल किया। डाेले का शुभारंभ गोकुल पुरा से हुआ था, जोकि सुभाष पार्क में शिवहरे समाज की शाेभायात्रा में शामिल हो गया। डोले में रमेश चंद्र वर्मा, विजय वर्मा, गोपाल, रामकुमार, राजेंद्र कुमार, हीरालाल, मोहन लाल, भरत, मनीष, अमन, नरेंद्र, सुनील आदि समेत बड़ी संख्या में कसेरा समाज के लोग उपस्थित रहे।
आयोजन का शुभारंभ एमएलसी विजय शिवहरे ने शाेभायात्रा में शामिल रथ पर विराजित सम्राट सहस्त्रबाहु की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। उन्होंने कहा कि भगवान दत्तात्रेय के शिष्य राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु जी थे। सहस्त्रबाहुजी ने पूरे विश्व में शासन किया था। रावण को भी उन्होंने बहुत आसानी से युद्ध में पराजित कर अपना बंदी बना लिया था। सहस्त्रार्जुन की कथाएं रामायण, महाभारत आदि पुराणाें में हैं।
दाउजी मंदिर समिति के अध्यक्ष विजनेश शिवहरे और राधाकृष्ण मंदिर समिति के अध्यक्ष अरविंद शिवहरे ने कहा कि शिवहरे समाज ने शाेभायात्रा के माध्यम से अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संकेत दिया है।
शिवहरे वाणी के संपादक साेम साहू ने कहा कि विगत वर्ष सांकेतिक शाेभायात्रा निकाली गयी थी किंतु इस वर्ष भव्य शाेभायात्रा निकाली गयी है। आने वाले समय में सहस्त्रबाहु जी के जन्मोत्सव को और भी अधिक भव्यता के साथ मनाया जाएगा।
शाेभायात्रा में गणेश जी की सवारी सर्वप्रथम थी, इसके बाद राम दरबार, राधाकृष्ण, खाटू श्याम जी, मां दुर्गा आदि देव स्वरूपों के सवारियों के पीछे सहस्त्रबाहु जी का रथ चल रहा था। बैंड बाजों पर झूमते हुए शिवहरे समाज साथ साथ एकता और अखंडता का संदेश दे रहा था। शाेभायात्रा का समापन आरती एवं प्रसादी के साथ हुआ।
इस अवसर पर धर्मेंद्र राज शिवहरे, आशीष शिवहरे, संतोष गुप्ता, नवनीत गुप्ता, एड. वीरेंद्र, धर्मेश शिवहरे, अशाेक शिवहरे, मुकुंद शिवहरे, कुलभूषण गुप्ता(राम भाइ), रिषी रंजन, धीरज शिवहरे, रवि गुप्ता, विकास गुप्ता, केके शिवहरे, अंशुल, हिमांशु गुप्ता, अंकुर, डॉ गौरव, कमल गुप्ता, वरुन गुप्ता, विनय शिवहरे(आर्चीज) आदि उपस्थित रहे।