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अल्लाह तआला के पास आपके लिए बेहतरीन प्लान है, उस पर भरोसा रखें : मुहम्मद इक़बाल

आगरा | मस्जिद नहर वाली के इमाम मुहम्मद इक़बाल ने आज जुमा के ख़ुत्बे में यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के बारे में नमाज़ियों से ख़िताब किया। उन्होंने कहा कि हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का पूरा किस्सा एक ही साथ सूरह यूसुफ़ में बयान किया गया है। इसमें ज़िक्र है कि यूसुफ़ अलैहिस्सलाम को सात साल से ज़्यादा क़ैद में रखा गया। आप देखें कि पूरे किस्से में यूसुफ़ अलैहिस्सलाम ने कहीं भी अल्लाह तआला से ये शिकायत नहीं की कि तूने मुझे जेल में डाल दिया, या मेरे ऊपर अज़ीज़-ए-मिस्र की बीवी ने इल्ज़ाम लगा दिया वग़ैरह। क़ैद में भी यूसुफ़ अलैहिस्सलाम बिल्कुल सुकून से रहे, वहाँ क़ैदियों को तब्लीग़ करते रहे। यानि उन्होंने कोई शिकवा शिकायत अल्लाह से नहीं किया। जब क़ैद की मुद्दत ख़त्म हुई, तो अल्लाह तआला ने उसी मिस्र का एक पावरफुल हुक्मरान बना दिया। सूरह यूसुफ़ आयत नंबर 54, 55, 56 में बयान किया गया है: “बादशाह ने उनसे बात की और कहा आज से तुम हमारे भरोसेमंद और हमारे ख़ास क़रीबी हो। यूसुफ़ कहने लगे ज़मीन के ख़ज़ानों पर मेरी ड्यूटी लगा दीजिए, मैं इनकी हिफ़ाज़त करने वाला हूँ और ये काम जानता भी हूँ। इस तरह हमने यूसुफ़ को इस सरज़मीन में इख़्तियार अता किया। वो जहाँ चाहते रहते। हम जिसे चाहें अपनी रहमत से नवाज़ते हैं और नेक लोगों का अज्र बर्बाद नहीं करते।” अब ज़रा हम ख़ुद अपना हिसाब कर लें, किस-किस तरह हम अपना रोना शिकायत के अंदाज़ में करते रहते हैं। जो अल्लाह यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के हालात बदल सकता है, वो हमारे हालात क्यों नहीं बदल सकता? बस हमें भी हालात के हिसाब से “सब्र” करना है। अल्लाह सुब्हानहु व तआला के पास हमारे लिए एक बेहतरीन मंसूबा है। बस इस पर भरोसा रखें। अल्लाह हमें इसकी तौफीक़ अता फ़रमाए।