उत्तर प्रदेशजीवन शैली

लाल जोड़े में कैसी शरमाई रे, मेरी तुलसा दुल्हन बन आयी रे…दूल्हा बन गए सालिगराम, दुल्हन बनी मेरी तुलसा…

ढोल नगाड़ों संग तुलसी जी को ब्याहने पहुंचे सालिगराम जी, देवोत्थान एकादशी पर स्कॉन मंदिर में आयोजित किया तुलसी-शालिग्राम विवाह महोत्सव, विदाई पर छलके श्रद्धालुओं के अश्रु

आगरा। दूल्हा बने रथ पर सवार सालिगराम जी और मंगल गीतों पर व हरे रामा हरे कृष्णा … कीर्तन पर झूमते, नाचते सजे धजे श्रद्धालु। तुलसी सालिगराम जी के विवाह उत्सव की उमंग हर तरफ बिखरी थी। बैंड बाजों संग धूमधाम से नाचते गाते बारातियों संग सालिगराम जी तुलसी जो को ब्याहने कमला नगर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कॉन मंदिर) पहुंचे जहां, बारात की अगवानी के लिए घराती स्वागत में थाल सजाए खड़े थे। जहां बारात का भव्य स्वागत कर विधि विधान के साथ विवाह सम्पन्न किया गया।
कमला नगर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए श्रद्धालु सालिगराम जी की बारात लेकर तुलसा माता को ब्याहने साथ इस्कॉन मंदिर पहुंचे।

इस्कॉन मंदिर में आज सतरंगी फूलों से सजाया गया। शालिग्राम जी व तुलसी जी के विवाह के लिए चौक पूरा गया और मण्डप सजा था। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सालिगराम जी को मण्डप में विराजमान किया गया। सोलह श्रंगार कर दुल्हन बनी तुलसा माता के मण्डप में आते श्रीहरि और तुलसी माता के के जयकारे मंदिर परिसर में गूंजने लगे। ढोलक मंजीरों पर दूल्हा बन गए सालिगराम, दुल्हन बनी मेरी तुलसी…, लाल जोड़े में कैसी शरमाई रे, मेरी तुलसी दुल्हन बन आई रे… जैसे गीतों पर भक्तों ने खूब नृत्य किया।

मंदिर वर पक्ष (शालिग्राम जी) के परिजन के रूप में गोपाल बंसल व रजना बंसल और वधु पक्ष के रूप में यति व नवीन सिंघल मौजूद थे। भक्तों ने उपहार देकर तुलसी जी का कन्यादान लिया। विदाई के समय सभी श्रद्धालुओं की आंखें छलक आई। नम आंखों से उपहारों संग तुलसी जी को सालिगराम जी संग विदा किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से शैलेन्द्र अग्रवाल, कामता प्रसाद अग्रवाल, संजीव मित्तल, सुशील अग्रवाल, सुनील मनचंदा, संजीव बंसल, राहुल बंसल, ओमप्रकाश अग्रवाल, नितेश अग्रवाल, राजेश उपाध्याय, संजय कुकरेजा, विकास बंसल, शैलेन्द्र बंसल, शाश्वत, नन्दलाल दास आदि उपस्थित थे।