संवाद।। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी
आपको बता दें कि टोंक जिले के अलीगढ़ गांव में सड़क अवरोध कर प्रदर्शन कर रहे लोगों व तथा वहां डॉ किरोड़ी लाल मीना के उन्हें सम्बोधन के दौरान पीटीआई के स्थानीय संवाददाता अजित सिंह शेखावत व उनके कैमरामैन धर्मेंद्र पर जानलेवा हमला किया गया। इस सुनियोजित ढंग से किए गए गले में दोनों को गंभीर चोटें आई और उनके कैमरे और गाइक तोड़ दिए
गए। उसके पश्चात कैमरे को जला भी दिया गया। जैसे तैसे दोनों ने डॉ किरोड़ी लाल मीना से सुरक्षा की
गुहार लगाई जब तक उन्हें उन्मादी भीड़ में सम्मिलित अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से बचाया जाता है तब
तक गंभीर चोटें लगने से वह वहीं गिर पड़े। बमुश्किल उनकी जान बच पाई ।
आई एफ डब्ल्यू जे संगठन जो देश का प्रथम एवं अग्रणी पत्रकार संगठन हैं, साथ-ही-साथ
इस निंदनीय जानलेवा हमले को लेकर पत्रकारों में जबरदस्त रोष है।
राजस्थान प्रदेश का भी सबसे विस्तृत इकाइयों वाला एकमात्र पत्रकार संगठन भी।
इसके द्वारा लगातार पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने की मांग विगत आठ वर्षों से उठाई जा रही है।
संगठन द्वारा पत्रकारों की इस प्रमुख मांग को लेकर विगत सरकार के समय दो बार पत्रकारों द्वारा
विधानसभा का घेराव भी किया गया था।
आपसे अनुरोण रहेगा कि टोंक के घटनाक्रम में दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के दिशानिर्देश जारी कराए साथ ही आई एफ डब्ल्यू जे संगठन के प्रतिनिधियों को अपना अमूल्य समय प्रदान करें ताकि पत्रकार सुरक्षा कानून लागू सहित अन्य मुद्दों को समक्ष रखा जा सके।