दिल्ली

न्याय की रेस बढ़ते कदम बढ़ती कांग्रेस

जन जन को जोड़ कांग्रेस मे जान फूँकती न्याय यात्रा 

नई दिल्लीं ।शून्य के पहाड़ को पछाड़ने जीरो का दाग मिटाने विधान सभा की आवाज़ बनने खाता खोलने को बेताब कांग्रेस दिल्ली के दिल में दस्तक दे न्याय हक हमारा है उद्घोष के साथ पथ-पथ,जन-जन को जोड़ने के जुझारू अवतार में देखे जा रही है। देश के दिल दिल्ली से शीला सरकार की विदाई के बाद कांग्रेस को जो शिफर का सिंहासन मिला दस साल बाद भी जस का तस अडिग बन बरकरार है, इस अनाचाहे आसन को तोड़ने के लिए कांग्रेस बेक़रार है। कांग्रेसी विधायक विधानसभा की चौखट के भीतर दस साल से दूर है, जनता जिता नहीं रही और जीतने की राह भी नजर नहीं आ रही वही संसद में भी दिल्ली से पंजा का निशान लगातार निराश ही करता आ रहा है। इस नाजुक हालात मे संगठन के गुणी, संगठन को समझने,जानने, कार्यकर्ताओं को सम्मान देने वाले देवेंद्र के हाथों है कमान सौंप मानो हाई कमान ने दिल्ली कांग्रेस को वरदान दे दिया हो,यह बात कहने में राजनीतिक पंडितों की एक राय स्पष्ट है कि जब से अध्यक्ष की कुर्सी पर देवेंद्र बैठे हैं तब से कांग्रेस के दफ्तर से लेकर सड़क पर हलचल है। कांग्रेस चर्चा में है और चर्चा ही किसी राजनीतिक दल के कद को बढ़ाती है यह बात बखूबी जानते समझते अपनाते हैं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव। दिल्ली के सभी सत्तर विधानसभाओ को कदमो से नाप घर घर दस्तक दे जनमन को जीतने का जतन जो देवेंद्र यादव ने किया वह अभूतपूर्व ऐतिहासिक के साथ साथ साहसिक भी है। अध्यक्ष कितने आए कितने गए पर खुद चलकर जनता की चौखट पर पहुंच उनसे सीधा संवाद करने का दम देवेंद्र यादव के अलावा किसी और दूसरे में नहीं दिखाया ऐसी में बैठ पीसी करने वाले अध्यक्षों से इतर जमीन पर उतर पसीना बहाने की हसरत देवेंद्र यादव की जीवटता का जीता जागता प्रमाण है जो कांग्रेस की शान बन चमक दमक रहा है हर चाक चौराहे पर चकाचक। प्रधान पद की जिम्मेदारी का एहसास,कांग्रेस की जोड़ने की जिद,संगठन के गठन की सोच, कांग्रेसियों में जोश भरने का जुनून एक तीर से कई निशाने वाला निशाना साध हर दिन बढ़ रही है हर दिन नया मानक नए इतिहास गढ़ रही है कॉंग्रेस की न्याय यात्रा। कई कई धड़ो में बंटे नए पुराने मठाधीश, स्वयंभू छत्रप, पुरोधा, तुर्रमखा बने धुरंधरों को अपने साथ सीधी राह चला देवेंद्र ने बिना कहे उनकी औकात नापने का पैमाना भी उनके घर के भीतर उनके ही विधानसभा क्षेत्र में उनके ही लोगों के बीच मानो तय कर ललकार दिया है दिखाओ कितना है दम हर बढ़ते कदम के साथ। बातों के बतासे बाँट दफ्तरों में बैठ चटुकारिता का चस्का लगा टिकट जेब में रखने वालों को उनके ही क्षेत्र में घेर देवेंद्र ने जो चक्रव्यूह रचा है उससे कोई भी कांग्रेसी स्वयंभू बच नहीं सकता। शर्त और नियम बिलकुल सपष्ठ है शक्ति दिखानी होगी, साथ चलना ही होगा, प्रचार प्रसार मे ताकत झोकनी ही होगी,पोस्टर बैनर लगाने ही होंगे, भीड़ जुटानी ही होगी कांग्रेस जिंदाबाद करना और करवाना ही होगा।गली-गली कूचा कूचा जो आज कांग्रेस की जयजयकार गूंज रहा है यह सुनने को दिल्ली वाले मानो भूल ही गये थे। न जाने कितने बरस बीत गए जब इतनी बुलंद आवाज में इतनी संख्या में एक साथ हाथ से हाथ थामे सड़क पर उतर जन-जन मन में अपनी छाप छोड़ रहे हैं कांग्रेसी। यह यात्रा अनुभव, सूझबूझ, समझ, संवाद, सर्वस्वीकार्यता, सर्वस्पर्शी सबके लिए सुलभ होने के साथ-साथ संघर्ष की सांस बन बढ़ रही है। इस न्याय न्याय यात्रा के नायक मंद मुस्कान मजबूत इरादे के साथ हर वर्ग हर जाति हर धर्म हर व्यवसाय के लोगों से सीधा संवाद करते देवेंद्र की तस्वीर उन्हें जननायक के रूप में पेश कर रही है। दिल्ली कांग्रेस को ऐसे ही अध्यक्ष की जरूरत थी जिसका आचरण प्रमाण हो, जिसका चरित्र संघर्ष हो, जिसके सपना संगठन का विस्तार हो, जिसकी वाणी में धार, और छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं के लिए भी अपार प्यार हो।जिसके दम पर पूरी दिल्ली एक साथ एक जैसे पोस्टरो से अटी पड़ी हो, एक स्वर एक सम नारों से गूंज रही हो, बैनरो की कतारे लगी हो, कार्यकर्ताओं में जोश का उफान हो, सरकार बदलने का तूफ़ान हो। न्याय यात्रा की टीशर्ट पहने सैकड़ो न्याय यात्री बैरागी बने कांग्रेस के सबकुछ अर्पण समर्पण करने के भाव से समर्पित हो नवजोश उत्साह के साथ बढ़ रहे हो यह यात्रा हर मानक पर खरी साबित हो कांग्रेस की संजीवनी बन बढ़ रही है। बिना लाग लपेट एक वाक्य में सटीक कहा जा सकता है बढ़ रहे हैं देवेंद्र बढ़ रही है कांग्रेस।