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आगरा। विश्वविद्यालय स्थित के.एम.आई. के विदेशी भाषा विभाग के अन्तर्गत राशियन भाषा सिखाये जाने हेतु मूल्य-वर्धक पाठ्यक्रम-रषियन पाठषाला -2 कार्यक्रम का आगाज
आज  रूसी दूतावास, दिल्ली तथा विदेशी भाषा विभाग, के. एम. इंस्टीट्यूट, डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 25 जुलाई से 5 दिसम्बर तक रुसी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन समारोह के. एम. इंस्टीट्यूट के विदेशी भाषा विभाग में किया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत रुसी दूतावास, दिल्ली की ओर से रुस से आई रूसी भाशा विशेषज्ञ शिक्षक यूलिया अलेक्षीना द्वारा रुसी भाषा का मूल्यवर्धक कार्यक्रम कराया जा रहा है, जो सभी के लिए पूर्णतया निःशुल्क है। इस पाठ्यक्रम के अन्तर्गत रुसी भाषा में अभिवादन करना, संवाद करना, रुसी व्याकरण का सामान्य ज्ञान इत्यादि के साथ रुसी सभ्यता और संस्कृति के बारे में भी अवगत कराया जाएगा।


संस्थान के छात्र-छात्राओं के मध्य रूसी पाठषाला 2 का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. एस.पी. सिंह, प्रधानाचार्य-सेन्ट जौन्स काॅलेज, आगरा, रषियन भाशा विषेशज्ञ यूलिया अलेक्षीना, एवं डाॅ. प्रदीप कुमार, काॅर्डिनेटर, विदेषी भाशा विभाग द्वारा संस्थान के सूर कक्ष में दीप प्रज्चलन एवं माल्यापर्ण के साथ किया गया। उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. एस.पी. सिंह, प्रधानाचार्य-सेन्ट जौन्स काॅलेज, आगरा ने छात्रों को रूसी भाशा की महत्ता से अवगत कराते हुए विदेषी भाशाओं को लेकर प्रोत्साहित किया साथ ही ।

रूस एवं भारत के वर्तमान सम्बंधों में भाशा के योगदान को भी इंगित किया एवं यह भी अवगत कराया कि कैसे विदेशी भाषा सीखने के बाद करियर बनाने के बेहतर अवसर मिलते हैं एवं इसकी सहायता से शिक्षा के क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ा जा सकता हैघ् रषियन भाशा विषेशज्ञ यूलिया अलेक्षीना जो माॅस्को राज्य विष्वविद्यालय में अध्यापनरत् हैं।

ने संस्थान के छात्रांे को प्रोत्साहित करने हुए बताया कि रूसी भाषा का यह प्रषिक्षण कार्यक्रम किसी भी व्यक्ति के लिए यह बहुत सुनहरा और लाभदायक अवसर है जिसके अन्तर्गत वह मौलिक तौर पर रूसी भाषा का ज्ञान लेकर बेहतर भविष्य बनाने हेतु आगे बढ़ सकता है। इससे एक दूसरे देश की भाषा, कला, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास तथा वहां के जनजीवन के बारे में जानकारी से भी समस्त छात्र अवगत होंगे।


विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रो. आशु रानी तथा विद्यापीठ के निदेशक प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है। इस समझौता ज्ञापन के समन्वयक डॉ. प्रदीप वर्मा एवं सह समन्वयक अनुज गर्ग, पल्लवी आर्य एवं विदेशी भाषा विभाग के शिक्षक डॉ. आदित्य प्रकाश, डाॅ. संदीप शर्मा, डॉ. संदीप सिंह, कृष्ण कुमार, विशाल शर्मा, डाॅ. रमा, डाॅ. शालिनी श्रीवास्तव, डॉ. मोहिनी दयाल एवं कंचन ने हर्ष व्यक्त किया है।