लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा ने पूरे जिले में तनाव फैला दिया। इस झड़प में तीन युवकों की मौत हो गई और पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। घटना के बाद शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की और अमन-शांति की अपील की।
*कैसे भड़की हिंसा?*
संभल की शाही जामा मस्जिद में प्रशासन द्वारा किए जा रहे सर्वे के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया। स्थिति तब बिगड़ गई जब भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को आंसू गैस छोड़नी पड़ी। पथराव और फायरिंग के बीच तीन लोगों की मौत हो गई, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया।
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर मौजूद थे, लेकिन हालात बिगड़ने के चलते स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं।
*मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी की प्रतिक्रिया*
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर ज़ैदी ने कहा, *”मंदिर हो, मस्जिद हो, गुरुद्वारा हो या चर्च, ये सभी जगहें मन की शांति के लिए हैं। अगर इनके नाम पर खून बहने लगे, तो यह इंसानियत का कत्ल है।”* उन्होंने जोर देकर कहा कि धार्मिक स्थलों को विवाद का केंद्र बनाना समाज और देश के लिए घातक है।
मौलाना ने हिंदू-मुस्लिम एकता और भाईचारे की अपील करते हुए कहा कि देश को तरक्की की ओर ले जाने के लिए गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है, न कि धार्मिक विवादों पर।
*इलाके में तनावपूर्ण माहौल*
घटना के बाद संभल में माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ है। प्रशासन ने असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
*धर्मगुरुओं की अपील*
मौलाना ज़ैदी के साथ अन्य धर्मगुरुओं ने भी घटना की निंदा की और सभी समुदायों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर खून-खराबा करने के बजाय समाज को एकजुट होकर गरीबी और अशिक्षा जैसी समस्याओं से लड़ना चाहिए।