आगरा; सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में 60 वर्षीय मरीज के गुर्दे की जटिल शल्य चिकित्सा गई ।
गौरतलब हैं कि मरीज पिछले 2 सालों से गुर्दे की बीमारी से ग्रसित था । विभिन्न परीक्षणों के बाद पाया गया कि मरीज के बायें गुर्दे में स्टेगहॉर्न केल्कुलस था जो एक प्रकारे का किड्नी स्टोन है जो बार बार मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) के कारण बन सकता है।
शल्य चिकित्सा विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ ऋचा जैमन, डॉ पुनीत श्रीवास्तव एवं डॉ भावना वर्मा द्वारा यह जटिल सर्जरी की गई। लगभग २ घंटे चली सर्जरी के पश्चात 8* 8cm एवं 400g की पथरी को सम्पूर्णत्या सफलतापूर्वक निकाला गया । डॉ ऋचा जैमन ने बताया कि यह एक जटिल प्रकार की बीमारी है। मरीज अस्पताल में गंभीर अवस्था में आया था। उचित समय पर सही निदान न होने से यह बीमारी जानलेवा हो सकती है। मरीज के मुताबिक 40 साल पहले भी उसका एक गुर्दे का ऑपरेशन हो चुका है। संक्रमण व पुनरावृत्ती को रोकने के लिये ऑपरेशन आवश्यक होता है। डॉ ॠचा जैमन के अनुसार आमतौर पर यह सर्जरी पीसीएनएल प्रक्रिया से की जाती है परंतु पथरी का आकार काफी बडा होने के कारण उन्हें ओपेन सर्जरी का सहारा लेना पहा जो एक चुनौतीपूर्ण जटिल सर्जरी थी।
चिकित्सा दल में डॉ प्रियंका ,डॉ ललित व डॉ मनू भी शामिल रहें। वहीं निश्चेतना विभाग से डॉ अपूर्व मित्तल व उनकी टीम में डॉ मंजरी का योगदान रहा।
एस एन मेडिकल कॉलेज आगरा के प्राचार्य एवं डीन डॉ॰ प्रशांत गुप्ता जी ने बताया कि एस एन मेडिकल कॉलेज आगरा में जटिल से जटिल सर्जरी होती हैं, जिससे आगरा एवं आसपास के कई क्षेत्रों के मरीज लाभान्वित हो रहे हैं।