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यदि नहीं लगवाया है तो अब लगवा लें बच्चे को एमआर का टीका: सीएमओ

  • मीजल्स-रुबेला से बचाव को बच्चों का हो रहा टीकाकरण
  • मीजल्स-रूबेला टीकाकरण से छूटे बच्चों को टीका लगाने के लिए लगाए जा रहे विशेष सत्र

आगरा। मीजल्स-रूबेला टीकाकरण से छूटे बच्चों को टीका लगाने के लिए जनपद में अभियान चल रहा है। इसके अंतर्गत 6 दिसंबर तक विशेष सत्र लगाए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने जनपदवासियों से अपील की है कि जिन बच्चों को नियमित टीकाकरण के दौरान मीजल्स-रुबेला का टीका किस कारणवश नहीं लग पाया था वह अब टीकाकरण अवश्य करा लें।

सीएमओ ने बताया कि जनपद में 25 नवंबर से छह दिसंबर कैचअप राउंड चलाया जा रहा है। इसमें 713 सत्र लगाकर छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान में अबतक 1099 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। इस दौरान एक से पांच साल तक के ऐसे बच्चों को मीजल्स-रूबेला का टीका लगाया जाएगा, जिनका टीका लगने से छूट गया। कैचअप राउंड में आशा, एएनएम, सुपरवाइजर काम करेंगी। साथ ही लोगों को टीका लगवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि मीजल्स-रुबेला की पहली खुराक 9 से 15 महीने की उम्र में तथा दूसरी खुराक 16 से 24 महीने की उम्र के बच्चों को दी जाती है, जिससे बच्चों को खसरा, कंठमाला सहित अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सकता है। इसलिए अपने बच्चों को टीका जरूर लगवाएं। मीजल्स-रुबेला टीकाकरण बच्चों को इन बीमारियों से बचाता है और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है

मीजल्स-रुबेला टीकाकरण के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • पहली खुराक: 9 से 15 महीने की आयु में दी जानी चाहिए।
  • दूसरी खुराक: 16 से 24 महीने की आयु में दी जानी चाहिए।

मीजल्स-रुबेला टीकाकरण के लाभ

• मीजल्स-रुबेला टीकाकरण बच्चों को इन दोनों बीमारियों से सुरक्षित रखता है।
• यह टीकाकरण बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और उन्हें अन्य बीमारियों से भी बचाता है।
• मीजल्स-रुबेला टीकाकरण जटिलताओं को कम करता है जो इन बीमारियों के कारण हो सकती हैं।
• यह टीकाकरण बच्चों की मृत्यु दर को कम करता है जो मीजल्स और रुबेला के कारण हो सकती है।
• मीजल्स-रुबेला टीकाकरण समाज में स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और लोगों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।