सैयद सरवर चिश्ती ने कहा सस्ती लोकप्रियता के लिए अजमेर का सांप्रदायिक सौहार्द न बिगाड़े
अजमेर की दरगाह में सभी धर्मो की है आस्था केंद्र हैं
दरगाह को लेकर किए जा रहे भ्रामक दावों तथा प्रचार की कड़ी निंदा की है
दरगाह के निर्माण और विकास में मुस्लिम शासक ही नहीं हिन्दू राजाओं का भी व्यापक योगदान रहा है
संवाद।। मोहम्मद नज़ीर क़ादरी
अजमेर: अजमेर दरगाह ख़्वाजा गरीब नवाज़ को लेकर हिंदूवादी नेता विष्णु गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर दरगाह से जुड़े सैयद सरवर चिश्ती ने कड़ा रुख अपनाया है। इस याचिका को लेकर चिश्ती ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी प्रतिक्रिया दी और सरकार से सख़्त कदम उठाने की मांग की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरवर चिश्ती ने कहा:
“दरगाह गरीब नवाज़ न केवल मुस्लिमों का, बल्कि पूरी इंसानियत का केंद्र है। कुछ लोग धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर समाज में नफरत फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि धार्मिक स्थानों को निशाना बनाने की कोशिशें रोकी जा सकें।
क्या है मामला?
हिंदूवादी नेता विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। याचिका में दरगाह के इतिहास और प्रबंधन को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
इस याचिका के सामने आने के बाद, अजमेर दरगाह के अंजुमन सैयद ज़ादगान संगठन ने इसे नफरत फैलाने की साजिश बताया है।
सरवर चिश्ती की अपील
सरवर चिश्ती ने अपने बयान में कहा कि:
“ऐसी याचिकाएं न केवल धार्मिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का प्रयास हैं, बल्कि समाज को बांटने की साजिश भी हैं। सभी धर्मों के लोगों को मिलकर इसका विरोध करना चाहिए।”
उन्होंने यह भी अपील की कि:
“सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में सख्ती दिखाए और धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखे।”
दरगाह का महत्व
अजमेर दरगाह ख़्वाजा गरीब नवाज़ को देशभर में धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिनमें सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं।
विष्णु गुप्ता की याचिका और सरवर चिश्ती के बयान के बाद, यह मामला अब तूल पकड़ चुका है। देखना यह है कि प्रशासन और कोर्ट इस पर क्या कदम उठाते हैं।