मोहम्मद रफी ने अपनी आवाज से भारतीय सभ्यता को जोड़ने का काम किया है: पद्मा रोशन
जालंधर (मज़हर): भारत नाट्य संगीत कला मंदिर जालंधर में सुर सम्राट विश्वरत्न मोहम्मद रफी की 100वीं जयंती पर रेड क्रॉस भवन जालंधर में 36वीं रफी नाइट के तहत “एक शाम मोहम्मद रफी के नाम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मोहम्मद रफ़ी के गायकों ने मोहम्मद रफ़ी के गीत गाकर रफ़ी साहब को श्रद्धांजलि दी।
इन प्रशंसकों का कहना था कि रफी साहब एकमात्र ऐसे गायक थे जिन्होंने सभी किरदारों को अपनी आवाज दी। उनके गानें को आज भी उतने ही प्यार से सुने जाते हैं। उनके गानों की लोकप्रियता कभी कम नहीं हो सकती। इसीलिए उन्हें आवाज का जादूगर भी कहा जाता है।
भरत नाट्य संगीत कला मंदिर के प्रधान पद्मा रोशन ने कहा कि मोहम्मद रफी ने अपनी आवाज से भारतीय सभ्यता और गंगा जमनी सभ्यता को जोड़ने का काम किया है। वे जितने प्रेम से भजन गाते थे, उतनी ही मधुरता से नात और कव्वालियाँ भी गाते थे। विभिन्न भाषाओं में गाने वाले मोहम्मद रफी के प्रशंसकों में सभी धर्मों और राष्ट्रीयताओं के लोग आज भी उन्हें याद करते हैं। इस अवसर पर उनके प्रशंसकों ने न केवल उनके गाने गाए बल्कि उन पर नृत्य भी किया।
उनका कहना है कि भारतीय फिल्म जगत में उनकी आवाज हमेशा अमर रहेगी।
इस 36वीं रफी नाइट में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, लंदन (यूके) से कलाकार रफी साहब के अविस्मरणीय गीतों को अपनी मधुर आवाज में गाने के लिए जालंधर आए थे।
मंच की अध्यक्षता शायर अफजल मंगुरी ने की,
इस अवसर पर एडीजीपी पंजाब एम.एफ फारूकी , राजवीर सोहल, ओम कौशल, मीनू अटवाल, पदम रोशन, डॉ. सरोजित गुनी, गुरनाज सिंह, जेपी सिंह, सनी, बीके विर्दी, विनय चैटली, दीप सिंधु, हरप्रीत रूबी, रविंदर राजकुमार, अनीता भगत, इंदर देव मिन्हास, रोमेश मौदगिल यशपाल अरोड़ा, संघोष सोंधी, गोल्डी बेदी आदि ने मोहम्मद रफी के गीत गाकर खूब वाहवाही लूटी।