एसएन मेडिकल कॉलेज में “मेडिकल रिसर्च में बायोएथिक्स” पर आयोजित हुई कार्यशाला
आगरा। संस्थागत आचार समिति, एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा ने शुक्रवार “मेडिकल रिसर्च में बायोएथिक्स” पर कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा प्रशांत गुप्ता ने बताया कि बायोमेडिकल और स्वास्थ्य अनुसंधान में बेयोएथिक्स एक अति आवश्यक पहलू है जिसके अनुमोदनपरांत की किसी संस्थान में अनुसंधान की अनुमति मिलती है।
बायोमेडिकल और स्वास्थ्य अनुसंधान में बेयोएथिक्स के महत्व एवं आवश्यकता पर व्याख्यान देते हुए संस्थागत आचार समिति, एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा के सचिव एवं रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मेडिकल रिसर्च यदि नैतिक मूल्यों के सिद्धांतों के अनुरूप किया जाए तो ये बायोमेडिकल और स्वास्थ्य अनुसंधान में शामिल मानव प्रतिभागियों की गरिमा, अधिकार, सुरक्षा और कल्याण की रक्षा सुनिश्चित करते हैं।
कार्यशाला के आयोजन अध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डा ए एस सचान ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि अनुसंधान के दौरान सभी प्रतिकूल घटनाओं और अप्रत्याशित समस्याओं की सूचना तुरंत आचार समिति और नियामक अधिकारियों को दी जानी चाहिए।
आईसीएमआर- जलमा आगरा के वैज्ञानिक-एफ एवं उप निदेशक डॉ राजकमल ने स्वास्थ्य अनुसंधानों में सूचित सहमति प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कंसेंट ( सहमति) प्रपत्र की एक प्रति अनुसंधान में शामिल प्रतिभागियों को उपलब्ध करना अन्वेषक का दायित्व होता है। डॉ रुचिका गुप्ता, वैज्ञानिक ई एवं समन्वयक, साइटोपैथोलॉजी प्रभाग आईसीएमआर-एनआईसीपीआर, नोएडा ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( CDSCO ) द्वारा निर्गत गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस दिशा निर्देशों पर व्याख्यान देते हुए कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार अनुसंधान में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के साथ, प्रतिभागी की गोपनीयता बनाए रखी जानी चाहिए।
कार्यशाला के आयोजन सचिव प्रोफेसर गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि इस तरह का आयोजन प्रथम बार किया गया है जिसमें लगभग 130 पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों और संकायों ने अति उत्साह से प्रतिभाग किया । यह आयोजन चिकित्सा अनुसंधान में नैतिक सिद्धांतों के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है