1971 का युद्ध भारतीय सेना की सबसे बड़ी जीत है, लेकिन आज इस जीत से जुड़ी एक यादगार तस्वीर को सेना मुख्यालय से उतार दिया गया, क्या नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान की हार देखी नहीं जा रही: उदय भानु चिब
भारतीय युवा कांग्रेस ने आज सेना मुख्यालय से विजय दिवस 1971 की जीत की प्रतीक तस्वीर को उतारे जाने को लेके विरोध प्रदर्शन किया
नई दिल्ली: भारतीय युवा कांग्रेस ने आज सेना मुख्यालय से विजय दिवस 1971 की जीत की प्रतीक तस्वीर को उतारे जाने को लेके विरोध प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि 1971 का युद्ध भारतीय सेना की सबसे बड़ी जीत है, लेकिन आज इस जीत से जुड़ी एक यादगार तस्वीर को सेना मुख्यालय से उतार दिया गया, क्या नरेंद्र मोदी से पाकिस्तान की हार देखी नहीं जा रही है?, उन्होंने यह भी कहा कि विजय दिवस पर देश के वीर जवानों और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी को नमन करना चाहते है। श्रीमती इंदिरा गांधी जी के दृढ़ नेतृत्व के साथ देश ये लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की, 1971 में इंदिरा गांधी जी के नेतृत्व और जवानों के पराक्रम ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने हिंदुस्तानी सैनिकों के आगे हथियार डाल दिए थे, लेकिन आज विजय दिवस के दिन इस जीत से जुड़ी एक यादगार तस्वीर को सेना मुख्यालय से उतार दिया गया, यह अत्यंत ही गंभीर विषय है और आखिर ये क्यों किया गया, आज देश की जनता यह जानना चाहती है।
दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने कहा कि आज विजय दिवस पर हम अपने पराक्रमी सैन्य बलों को सलाम करते हैं। हमारी बहादुर नेता श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर के इस देश की शान को पूरे विश्व में फैलाया। आज सेना के मुख्यालय से वो तस्वीर उतार दी गई, जिसमें पाकिस्तान की सेना, भारत की सेना के सामने आत्मसमर्पण कर रही है। ये वीर सैनिकों का अपमान है। ये देश का मुद्दा है, देश के लिए गर्व की बात है। इसमें राजनीति क्यों की जा रही है? हमारी मांग है कि वो तस्वीर वहां वापस लगाई जाए।
इस दौरान प्रदर्शन में अनेकों युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता दिल्ली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकरा के नेतृत्व में प्रदर्शन में उपस्थित रहे।