उत्तर प्रदेशजीवन शैली

भारत का स्वाद दुनिया से जोड़ने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को लगातार बढ़ावा दे रही सरकार

चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने किया कार्यकारिणी बैठक में सरकार की योजनाओं पर चिंतन 
विश्व बाजार के चलन पर भी किया सदस्यों ने मंथन, उत्पादों को ब्रांड बनाने पर जोर, नये सदस्यों का किया सम्मान भी 
आगरा से 20 किमी दूर डौकी क्षेत्र में निर्माण हो रहा खाद्य प्रसंस्करण केंद्र का, आलू, पेठा, नमकीन के उत्पाद बनाने में सहयोग करेगी सरकार
आगरा। भारत के स्वाद की दुनिया दीवानी है, मसाले, मिठाई, चावल, नमकीन, दुग्ध उत्पाद यदि ब्रांड बना दिए जाएं तो विश्व बाजार में मेक इन भारत हर देश को पीछे छोड़ सकता है।
सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे प्रयास एवं विश्व बाजार में भारतीय उत्पादों की संभावनाओं पर मंथन एवं चिंतन किया चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ने।
सोमवार को होटल होली डे इन में आयोजित कार्यकारिणी बैठक का शुभारंभ मां भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन मुख्य वक्ता प्रभारी राजकीय फल संरक्षण केंद्र बलवीर सिंह, सीए आरके जैन, जॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्री सोनाली जिंदल, संस्था के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, संरक्षक राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल, मुख्य सलाहकार मनीष अग्रवाल रावी ने किया।
जॉइंट कमिश्नर सोनाली जिंदल ने एमएसएमई विभाग की योजनाओं के बारे में उद्योगों को जानकारी दी उन्होंने एमएसएमई योजना 2022 के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा की विभाग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में तमाम तरह के अनुदान दे रही है। उद्योग को विस्तार देने के लिए हर संभव सहायता एमएसएमई विभाग द्वारा की जा रही है।
प्रभारी राजकीय फल संरक्षण केंद्र बलवीर सिंह ने जानकारी दी कि आगरा से मात्र 20 किलोमीटर दूर डौकी क्षेत्र में राजकीय खाद्य प्रसंस्करण केंद्र शुरू होने जा रहा है। यहां आलू, पेठा और नमकीन उत्पादन में सरकार पूर्ण रूप से सहयोग करेगी उत्पादन के लिए मशीनों की उपलब्धता भी सरकार ही करवाएगी। उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत पात्रता की बाध्यता नहीं रखी गई है। मात्र आठवीं पास और 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकते हैं। किसी तरह की डिग्री या डिप्लोमा की भी आवश्यकता नहीं है। उद्यम लगाने के लिए सरकार 35% तक अनुदान दे रही है। बैंक भी 90% तक लोन दे रही हैं। जानकारी और कागजी कार्यवाही के लिए खाद्य प्रसंस्करण केंद्र में डीआरपी तैनात किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत फल, दुग्ध, मीट, गन्ना के उत्पाद, धान्य फसल, स्नेक्स, मैगी, पास्ता, शहद, बेकरी प्रसंस्करण के अलावा पैकेजिंग मैटेरियल भी शामिल किए गए हैं।
डौकी क्षेत्र में बन रहे हैं खाद्य प्रसंस्करण केंद्र के बारे में अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने कहा कि चेंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन का प्रयास है कि सरकार से इस केंद्र को किराए पर लेकर शहर के उद्यमियों का यथा संभव सहयोग किया जाएगा।
सीए आर के जैन ने सरकार से मिलने वाले अनुदान के बारे में कहां की अब खाद्य प्रसंस्करण योजना में सरकार ने दुग्ध उत्पादन को भी शामिल किया है। दुग्ध उत्पादन निर्माण में सरकार एक अच्छा अनुदान प्रदान कर रही है।
सीएस अनुज अशोक और उनकी सहयोगी मुस्कान ने उत्पादों को ब्रांड कैसे बनाया जाए इसकी जानकारी दी उन्होंने कहा कि यूएसए में मसाले, चावल, यूके में मिठाई, यूएई में मसाले, मिठाई साउथ ईस्ट एशिया में तुलसी की अत्यधिक मांग है। आगरा का पेठा, दाल मोंठ बहुत ज्यादा पूरे विश्व में पसंद किए जाते हैं। मेथी दाना, राजमा मसाला, छोले मसाला, बासमती चावल, फ्रोजन फूड इन सभी को यदि एफएसएसएआई के प्रमाण पत्र, पैकेजिंग और डिजिटल मार्केटिंग के साथ ब्रांड के रूप में विश्व पटल पर प्रस्तुत किया जाए तो कोई अन्य देश हमारा मुकाबला नहीं कर सकता। परिचर्चा के बाद कार्यक्रम में नए सदस्यों का स्वागत एवं सम्मान किया गया।
कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य राजेश गोयल का छावनी बोर्ड के सदस्य मनोनीत होने पर स्वागत सम्मान किया गया।
 इस अवसर पर अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, संरक्षक राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल,वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुमार कृष्ण, अभिनव रस्तोगी, सलाहकार मनीष अग्रवाल रावी, तरुण अग्रवाल, आशीष गर्ग, विवेक अग्रवाल, रमन सेठिया, कमल मंगवानी, मनोज जैन, मोहित सिंह, विशाल गुप्ता, सुशांत अरोड़ा, दीपेश जैन, अभिषेक गुप्ता, अभिषेक, विकास चतुर्वेदी, निशांत कपूर आदि उपस्थित रहे।