आगरा । प्रदेश नेतृत्व के आव्हान पर विधान सभा का घेराव करने लखनऊ जा रहे आगरा के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने घेराव करने से एक दिन पूर्व ही सुबह से ही नजरबंद कर दिया। जिससे कांग्रेसी नेताओं में रोष है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा बिजली के निजीकरण, फर्जी एनकाउंटर, बहराइच हिंसा, झांसी मेडिकल कॉलेज मे आगजनी में हुई बच्चों की मौत,संभल शाही जामा मस्जिद हिंसा,बेरोज़गारी, महंगाई, और किसानों के मुद्दे को लेकर बहुत ही बड़े स्तर पर विधानसभा का घेराव करना था। जिसमे पूरे प्रदेश से कार्यकर्ताओं को जुटना था। प्रदर्शन से पूर्व मंगलवार सुबह से ही घरों और प्रतिष्ठानों पर पुलिस ने डेरा डाल दिया और कांग्रेसी नेताओं को नज़रबंद करना शुरू कर दिया। लेकिन फिर भी सैकड़ो कांग्रेसी नेता लखनऊ जाने मे सफल रहे।और लखनऊ मे कार्यक्रम समाप्त होने पर ही हिरासत से छोड़ा गया।
महानगर अध्यक्ष अमित सिंह ने कहा की योगी सरकार ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दीं हैं। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने तानाशाही दिखा कर लखनऊ जाने से रोका है। सरकार लोकतंत्र का गला घोट रही है। उन्होंने कहा की प्रदेश की जनता के मुद्दे उठाना भी अपराध हो गया है।कांग्रेसी नेताओं का कहना था की सरकार पुलिस को आगे करके अपनी नाकामी को नहीं छुपा सकती है। हर हाल मे उसे जनता के मुद्दों का जवाब देना होगा।
इन नेताओं को पुलिस ने किया नज़रबंद शहर अध्यक्ष अमित सिंह,पूर्व लोकसभा प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार,पूर्व प्रदेश प्रवक्ता हाजी जमील उद्दीन कुरैशी,मीडिया प्रभारी याकूब शेख, लक्ष्मीनारायण सिंह, जलाल उद्दीन,बुरहान शमशी, कपिल गौतम,रोहित बंसल,सुगम शिवहरे,अनुज शिवहरे,मुकेश शर्मा,अंशुल अग्रवाल,अनुज शर्मा,अंकुर गर्ग,अंशुल अग्रवाल, हर्ष उपाध्याय, ताहिर हुसैन, बंटी खान,अश्वनी बिट्टू सहित सैकड़ो कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने नज़रबंद कर दिया।