आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद परिसर स्थित गणित विभाग (सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस) में श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन के उपलक्ष में 38वां राष्ट्रीय गणित दिवस, कुलपति प्रो. आशु रानी की अध्य्क्षता में मनाया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया । कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रो अजय तनेजा भी मौजूद रहे, उद्घाटन सत्र में गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. संजय चौधरी ने सभी का स्वागत किया और कार्यक्रम की जानकारी दी, साथ ही उन्होने श्रीनिवास रामानुजन के जीवन के बारे में छात्रों को बताया।
कुलपति प्रो. आशु रानी ने सभी को नैक में ए प्लस ग्रेड प्राप्त होने पर बधाई दी, उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल मेरी नहीं है इसमें आप सभी का भरपुर योगदान है जिसके कारण आज हमें ए प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ हैं साथ ही उन्होंने श्रीनिवास रामानुजन के जीवन का परिचय देते हुए उनके संघर्षों, बुद्धिमत्ता के बारे में भी बताया. कुलपति जी ने सभी को राष्ट्रीय गणित दिवस की बधाई दी.
उद्घाटन सत्र के समापन पर प्रो. संजीव कुमार ने कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि दुनिया में कभी-कभी ऐसी प्रतिभाएं जन्म लेती हैं जिनके बारे में जानकर सभी आश्चर्य चकित रह जाते हैं।
महान गणितग्य श्रीनिवास अयंगर रामानुजन एक ऐसी ही भारतीय प्रतिभा का नाम है जिनपर न केवल भारत को परन्तु पूरे विश्व को गर्व है। महज 32 वर्ष की उम्र में शायद ही किसी वैज्ञानिक और गणितग्य ने इतना कुछ किया हो जितना रामानुजन ने किया। यह आश्चर्य की ही बात है कि किसी भी तरह की औपचारिक शिक्षा न लेने के बावजूद उन्होंने उच्च गणित के क्षेत्र में ऐसी विलक्षण खोजें कीं जिससे इस क्षेत्र में उनका नाम हमेशा के लिए अमर हो गया।
आज के कार्यक्रम में मुख्या वक्ताओं की रूप में उपस्थित रहे,
- प्रो. सुंदर लाल (पूर्व कुलपति पूर्वांचल वि. वि.)
- डॉ. शशिकांत मिश्रा, वैज्ञानिक डी, भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली,
- प्रो.अमित अवस्थी, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा
प्रो. सुंदर लाल (पूर्व कुलपति पूर्वांचल वि. वि.) द्वारा “Magic Squares – Indian Contributions” विषय पर व्याख्यान दिया गया उन्होंने श्रीनिवास रामानुजन और स्वामी विवेकानंद के जीवन की समानताओ पर प्रकाश डाला और कहा कि जिस तरह स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिक होकर पुरे विश्व में भारत को सम्मान दिलाया, उसी प्रकार श्रीनिवास रामानुजन ने गणित में पुरे भारत को एक अलग पहचान दिलाई. साथ ही उनके गणित में किये गए कार्यो के बारे में विस्तार से बताया । 1857 से 1897 (40 वर्ष) में हुए महापुरुषों के बारे में जानकारी दी और अंत में प्रो. सुंदर लाल ने कहा कि हम सभी जानते है कि भारत ने जीरो की खोज की है और श्रीनिवास रामानुजन इसको इनफिनिटी तक ले गए है।
डॉ. शशिकांत मिश्रा (वैज्ञानिक डी, भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली) द्वारा “Mathematical Modelling Aspects of Weather Forecasting” विषय पर व्याख्यान दिया गया उन्होंने बताया की कैसे मौसम पूर्वानुमान के लिए गणित का उपयोग किया जाता है कैसे हम गणित के वेक्टर कैलकुलस, न्यूमेरिकल एनालिसिस, डिफरेंशियल की मदद से मोसम का पूर्वानुमान कर सकते है साथ ही उन्होंने कुछ रियल लाइफ उदहारण भी दिखाएं.
प्रो.अमित अवस्थी (गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा) द्वारा “Algorithms and Complexity: Insights Through a Mathematical Lens” विषय पर व्याख्यान दिया गया उन्होंने बताया एल्गोरिदम किसी विशिष्ट कार्य को करने या किसी समस्या को हल करने के लिए डिज़ाइन किए गए चरणों या निर्देशों का एक अच्छी तरह से परिभाषित अनुक्रम है।
उन्होंने बताया की कैसे हम सभी कैसे गणित को दैनिक जीवन में प्रयोगात्मक विषय रूप में के सकते है, साथ ही कैसे एक प्रॉब्लम की कंपलेक्सिटी को कम करके एल्गोरिथम को बेहतर बनाया जा सकता है .
कार्यक्रम का संचालन गणित विभाग से डॉ. श्यामली गुप्ता ने किया. कार्यक्रम में प्रो एस के जैन, प्रो देवेंद्र कुमार , प्रो गौतम जयसवार , प्रो. आर के अग्निहोत्री , डा दीक्षा गौतम, कृष्ण झा, राहुल , मनीष गोकानी उपस्थित रहे, कार्यक्रम में गणित विभाग के सभी विद्यार्थियों/ कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।