लखनऊ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में मंदिर-मस्जिद विवादों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे देश के माहौल को खराब करते हैं और इन्हें बंद होना चाहिए। उनके इस बयान का न केवल समाज के विभिन्न वर्गों बल्कि विपक्ष ने भी स्वागत किया है। इसी कड़ी में शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर जैदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और इस बयान को देशहित में बताया है।
मौलाना जैदी का बयान
शिया धर्मगुरु मौलाना जावेद हैदर जैदी ने कहा, “आरएसएस प्रमुख का बयान सराहनीय है। हर मस्जिद के नीचे मंदिर और हर मजार के नीचे शिवलिंग खोजने जैसी बातें पूरी तरह से गलत हैं। यह देश के लिए खतरनाक है और समाज में नफरत फैलाने का काम करती हैं। अब सरकार को चाहिए कि वह ऐसे मुद्दे उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।”
विदेशी साजिश का आरोप
मौलाना जैदी ने इन विवादों के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने की बात कही। उन्होंने कहा, “पड़ोसी मुल्क ऐसी साजिशें रचते हैं ताकि भारत में तनाव पैदा हो। वे हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश करते हैं। हमें इन साजिशों को नाकाम करना होगा और इंसानियत को सबसे ऊपर रखना होगा।”
भागवत ने क्या कहा?
अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा था कि राम मंदिर के निर्माण के बाद अब इस तरह के विवादों का कोई औचित्य नहीं है। कुछ लोग खुद को हिंदुओं का नेता साबित करने के लिए इन मुद्दों को उछाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज को ऐसे तत्वों से सतर्क रहना चाहिए।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
आरएसएस प्रमुख के बयान का विपक्ष ने भी समर्थन किया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे सकारात्मक बताया, हालांकि उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसे विवाद भाजपा और उसकी सरकारों द्वारा ही पैदा किए जाते हैं।
समाज में शांति की अपील
मौलाना जावेद हैदर जैदी ने सभी समुदायों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर विवाद फैलाने से देश कमजोर होता है। हमें एकजुट होकर इन साजिशों को रोकना होगा।
निष्कर्ष
आरएसएस प्रमुख और शिया धर्मगुरु के बयानों ने समाज में शांति और भाईचारे का संदेश दिया है। अब यह जिम्मेदारी सरकार और समाज की है कि वे मिलकर ऐसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाएं और देश को विवादों से दूर रखें।