सफर ए शहादत शहीदी सप्ताह
आगरा। गुरुद्वारा दशमेश दरबार शहीद नगर विभव नगर आगरा पर सफर ए शहादत शहीदी सप्ताह समागम में धन धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में साध संगत द्वारा नितनेम के पाठ अमृत में कीर्तन कथा का संचार
दरबार साहिब सचखंड श्री हरमंदिर साहिबअमृतसर से कथा वाचक भाई साहब भाई कुलदीप सिंह हजूरी रागी भाई जगतार सिंह देहरादून सचखंड श्री हेमकुंड साहिब के हजूरी रागी भाई हरपाल सिंह वीर गुरशरन सिंह द्वारा साप्ताहिक समागम में शब्द गुरबाणी कीर्तन कथा से साध संगत को
नो पोह की काली रात की दास्तान सुनाई।
छोटे साहिबजादो बाबा जोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह अते माता गुजर कौर जी ने मोरिंडा की कोतवाली में रात कैद रह के रहकर देश कोम की खातिर तसियी सहे गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार की शहीदी का वर्णन किया।
गुरुवाणी शब्द: जो तो प्रेम खेलण को चाहो सिर धर तली गली मेरी आओ,,,, ज्यों ज्यों तेरा हुकुम तिवे त्यों होवणा,,,,,, तेरे भरोसे प्यारे में लाड लडाया,,,,, एक के बाद एक शब्द सुन संगतो ने बोले सो निहाल सत श्री अकाल की जयकारों की गूंज के साथ समूह संगत में श्रद्धा भाव के साथ गुरुओं की शहादत को नमन किया ज्ञानी मंशा सिंह द्वारा गुरु की अरदास हुकुमनामा उपरांत गुरु का लंगर पाकर वाहेगुरु तेरा शुकराना वाहेगुरु तेरा शुकराना कर मुख पवित्र किया प्रधान हरपाल सिंह द्वारा विनती।
28 दिसंबर तक सुबह शाम कथा गुरबाणी कीर्तन संगते परिवार सहित पहुंचकर गुरु वाले बनो गुरुघर की खुशियां प्राप्त करो।
सेवा में प्रधान हरपाल सिंह इंदरजीत सिंह वाधवा,गुरु सेवक श्याम भोजवानी सुरेंद्र सिंह लवली,हरजीत सिंह भसीन,हरजिंदर सिंह, सुरेंद्र सिंह लाडी, रिंकू वीर,जसविंदर सिंह लक्की वीर,अमरजीत भसीन कृपाल सिंह सनी सिंह आदि